किसी भी इंसान का नाम उसकी पहली पहचान होता है, लेकिन गुजरात से एक खबर आयी है कि वहां एक ऑटो ड्राइवर ने अपना नाम राजवीर उपाध्याय से बदलकर RV155677820 रखने की अर्जी सरकार को दी है। हालांकि सरकार ने बिना कोई कारण बताए उसकी अर्जी को नामंजूर कर दिया है। दरअसल राजवीर एक नास्तिक व्यक्ति हैं, जो साल 2015 में धर्म छोड़ चुके हैं। राजवीर का मानना है कि उनका नाम और सरनेम उनकी जाति, धर्म बताता है, इसलिए राजवीर ने फैसला किया कि वह अपना नाम ही बदल देंगे। इसके लिए राजवीर ने ऐसा नाम चुना है, जिससे उनकी जाति और धर्म का पता ही नहीं चलेगा। राजवीर चाहते हैं कि लोग उन्हें RV155677820 के नाम से बुलाए, जिसमें RV उनके नाम राजवीर की शॉर्ट फॉर्म है, वहीं 155677820 उनके स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट का एनरोलमेंट नंबर है।
राजवीर ने पिछले साल अहमदाबाद डिस्ट्रिक्ट कलेक्ट्रेट में आवेदन देकर अपना नाम बदलने की मांग की थी। इसके बाद कलेक्ट्रेट ने राजवीर को निर्देश दिया कि वह सरकारी प्रिंटिंग और स्टेशनरी विभाग के राजपत्र कार्यालय, राजकोट में अपील करे। इस पर राजवीर ने वहां भी अपील की, लेकिन राजपत्र कार्यालय ने बिना कोई कारण बताए कहा कि आपकी इच्छा अनुसार, नया नाम नहीं छापा जा सकता। अब राजवीर गुजरात के धार्मिक आजादी एक्ट के खिलाफ हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं। बता दें कि गुजरात के धार्मिक आजादी एक्ट के तहत किसी इंसान को एक धर्म से दूसरे धर्म में जाने की आजादी है, लेकिन नास्तिक लोगों के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया है।
राजवीर उपाध्याय का कहना है कि ‘मैं एक सेक्यूलर इंसान हूं और भारत एक सेक्यूलर देश है। देश के कानून को मुझे नास्तिक होने का अधिकार भी देना चाहिए। जब भी मैं अपना नाम लिखता हूं, लोगों को पता चल जाता है कि मेरा धर्म क्या है, मेरी जाति क्या है, लेकिन मैं नहीं चाहता कि मेरी पहचान धर्म और जाति की संकीर्णता में सिकुड़कर रह जाए।’ उपाध्याय ने ये भी बताया कि वह गुजरात हाईकोर्ट में जल्द ही एक याचिका दाखिल करेंगे, जिसमें नास्तिकता को चुनने और अपना नाम बदलने की मांग करेंगे।

