गुजरात में करीब 53,000 आंगनबाड़ी केंद्रों में से 4,500 से अधिक केंद्रों में पेयजल की सुविधा नहीं है, जबकि इनमें से 5,600 से अधिक केंद्र बगैर शौचालय के संचालित हो रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा जारी आंकडों से यह जानकारी मिली है। गुजरात सरकार की ओर से राज्य विधानसभा में हाल में पेश आंकड़ों के मुताबिक, समूचे गुजरात में (मार्च 2015 तक) सरकार प्रायोजित बाल एवं मातृ देखभाल केंद्रों — 4,505 आंगनबाड़ी केंद्रों में पेयजल की सुविधा मौजूद नहीं है। आंकड़ों के मुताबिक, इसके अलावा राज्य के 5,655 आंगनबाड़ी केंद्र बगैर शौचालय संचालित हो रहे हैं।
आदिवासी जिलों – पंचमहल, महीसागर और दाहोद के अधिकतर आंगनबाड़ी केंद्रों में मूलभूत सुविधाओं की कमी है। आंकड़ों में पंचमहल…महीसागर का उल्लेख एक इकाई के तौर पर हुआ है, जिसके 1,411 केंद्र अब तक पेयजल की सुविधा के बगैर संचालित हो रहे हैं। इसके बाद वडोदरा…छोटा उदयपुर में 939 केंद्र और वलसाड में 599 केंद्रों में ऐसी सुविधा नहीं है।
दाहोद जिला में सर्वाधिक 808 आंगनबाड़ी केंद्रों में शौचालय की सुविधा नहीं है, जिसके बाद वलसाड में 586 और पंचमहल…महीसागर में 562 केंद्रों में ऐसी सुविधा नहीं है। राज्य की 26 जिला इकाइयों में से कच्छ को छोड़कर अन्य सभी जिलों में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों में शौचालय की सुविधा नहीं है और 10 केंद्रों में पेयजल की सुविधा नहीं है।
राज्य विधानसभा में जारी बजट सत्र के दौरान कांग्रेस विधायक तेजश्रीबेन पटेल की ओर से पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में हाल में सदन में पेश आंकड़ों के मुताबिक शेष 16 जिलों के आंगनबाड़ी केंद्रों में पेयजल की सुविधा उपलब्ध है।

