हाल ही में ‘चंद्रयान-2’ की सफल लॉन्चिंग से देश को वैश्विक मंच पर गर्व का मौका देने वाले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो के वैज्ञानिक कथित तौर पर सैलरी में कटौती से परेशान हैं। संसद में इस मसले को उठाते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा ने सरकार को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा, ‘जब पूरा देश चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग के लिए इसरो वैज्ञानिकों को बधाई दे रहा है तब भारत सरकार उनकी सैलरी काट रही है।’
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वोरा ने राज्यसभा में कहा, ‘राष्ट्रपति ने देश के बेहतरीन टैलेंट को वैज्ञानिक बनने हेतु प्रोत्साहित करने के लिए इसरो वैज्ञानिकों के लिए दो अतिरिक्त वेतन वृद्धि की अनुमति दी थी। अतिरिक्त वेतन वृद्धि को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 1996 में स्पेस डिपार्टमेंट ने लागू किया था। केंद्र सरकार इसरो वैज्ञानिकों की सैलरी में कटौती न करे।’
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रिपोर्ट के मुताबिक मोदी सरकार ने 12 जून 2019 को अतिरिक्त वेतन वृद्धि के रूप में 1996 से मिल रही प्रोत्साहन अनुदान राशि पर रोक लगा दी है। दूसरी तरफ इस कटौती के आदेश के खिलाफ वैज्ञानिकों ने इसरो चीफ डॉक्टर के सिवन को चिट्ठी लिखी है। उनका कहना है, ‘वैज्ञानिकों के पास कमाई का कोई और साधन नहीं है। तनख्वाह में कटौती से उत्साह में कमी आएगी। हम सरकार के फैसले से बेहद हैरान और दुखी हैं।
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