एक अदालत ने सोमवार (20 जून) को माकपा नेता गोविन्द पानसरे की हत्या की जांच कर रहे विशेष जांच दल को वीरेन्द्र तावड़े की हिरासत की अनुमति दे दी। तावड़े को सीबीआई ने नरेन्द्र दाभोलकर हत्या मामले में गिरफ्तार किया था। तावड़े की सीबीआई हिरासत समाप्त होने के कारण न्यायिक मजिस्ट्रेट वी बी गल्वे पाटिल ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया तथा राज्य द्वारा नियुक्त एसआईटी को उसे हिरासत में लेने की अनुमति भी दे दी।

पानसरे मामले में विशेष अभियोजक हर्षद निम्बालकर ने कहा, ‘हमें हिरासत में लेने की अनुमति मिल गयी है। हम यह तय करेंगे कि अब उसे कब हिरासत में लिया जाए।’ उन्होंने कहा कि ईएनटी चिकित्सक तथा रूढ़िवादी हिन्दू सनातन संस्था के सदस्य तावड़े को पानसरे मामले में भी गिरफ्तार किया जा सकता है। ‘उसे हिरासत में लेने के बाद एसआईटी पहले उससे पूछताछ करेगी और फिर उसकी गिरफ्तारी के बारे में निर्णय करेगी।’

सीबीआई ने तावड़े की पांच दिन की हिरासत अवधि पूरा होने के बाद उसे अदालत में पेश किया था। एजेंसी ने तावड़े की चार दिन की और हिरासत की मांग करते हुए कहा कि वह सहयोग नहीं कर रहा और टालमटोल कर रहा है। सीबीआई के वकील बी पी राजू ने कहा कि चूंकि तावड़े की पत्नी आज लंदन से लौट रही है वह उसके समक्ष तावड़े से पूछताछ करना चाहती है।

राजू ने यह भी सूचित किया कि सीबीआई को सनातन संस्था के 119 बैंक खातों के बारे में पता चला है। उसके दो लापता सदस्य रूद्र पाटिल एवं विनय पवार इनमें से कुछ खातों के हस्ताक्षरकर्ता हैं। अंध विश्वासों के खिलाफ मुहिम चलाने वाले दाभोलकर की पुणे में 2013 में हत्या कर दी गयी थी। पानसरे अपने युक्तिवादी विचारों के कारण विख्यात थे और उनकी फरवरी 2015 में हत्या कर दी गयी थी।