हरियाणा सरकार ने जाट आंदोलन के दौरान हुई व्यापक हिंसा पर प्रकाश सिंह कमेटी की रिपोर्ट और मुरथल में हुए सामूहिक बलात्कार की जांच पर एक स्थिति रिपोर्ट सोमवार को पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट को एक सीलबंद लिफाफे में सौंपी। न्यायमूर्ति एसएस सारन और न्यायमूर्ति एचएस सिद्धू की सदस्यता वाली अदालत में यह रिपोर्ट सौंपी गई। अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख एक जून तय की है।

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सुनवाई के दौरान न्यायमित्र अनुपम गुप्ता और राज्य सरकार के वकील लोकेश सिंघल के बीच जोरदार बहस हुई। गुप्ता ने मुरथल सामूहिक बलात्कार पर सुखदेव ढाबा के मालिक अमरीक सिंह के दिए गए एक बयान पर प्रकाश सिंह, हरियाणा के डीजीपी केपी सिंह और अतिरिक्त मुख्य सचिव विजय वर्द्धन को अदालत में पेश होने या अपना हलफनामा देने को कहा।

राज्य सरकार की विशेष जांच टीम के प्रमुख ने अदालत को बताया कि अमरीक छह घंटे की पूछताछ के दौरान टूट गए लेकिन उसने सामूहिक बलात्कार से इनकार किया। लेकिन न्यायमित्र ने अदालत को बताया कि उन्हें जानकारी मिली थी कि अमरीक ने प्रकाश सिंह, केपी सिंह और वर्द्धन से कहा था कि फटे हुए कपड़ों में लिपटी महिलाएं 22 फरवरी की रात उनके ढाबे में आई थीं।

अदालत ने मीडिया में आई उन खबरों पर स्वत: संज्ञान लिया था जिनमें दावा किया गया था कि राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या एक पर हिंसक प्रदर्शन के दौरान महिलाओं से सामूहिक बलात्कार हुआ था।