गोवा में एक समुद्र तट पर दो नाबालिग लड़कियों के साथ कथित दुष्कर्म के मामले में बयान देकर घिरे सीएम प्रमोद सावंत ने गुरुवार को सफाई जारी की। दरअसल, सावंत ने कथित तौर पर कहा था कि माता-पिता को यह आत्ममंथन करने की जरूरत है कि उनके बच्चे रात में इतनी देर तक समुद्र तट पर क्यों थे। हालांकि, विवाद खड़ा होने के बाद सावंत ने कहा कि एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर उनका बयान गलत तरह से लिया गया।

क्या बोले सावंत?: गोवा सीएम ने कहा, “एक जिम्मेदार सरकार के प्रमुख और एक 14 साल की बेटी के पिता होने नाते मैं इस घटना से दुखी और परेशान हूं। इस घटना का दर्द जाहिर नहीं किया जा सकता।” सावंत ने कहा कि उन्होंने कभी भी कानून के तहत सुरक्षा देने से इनकार नहीं किया। गोवा पुलिस एक जिम्मेदार बल है, खासकर महिलाओं और बच्चियों को सुरक्षा देने के मामले में। उन्होंने पहले ही आरोपियों को गिरफ्तार किया।

सावंत ने कहा कि वे यह सुनिश्चित करवाने की कोशिश करेंगे कि दोषियों को सख्त से सख्त सजा हो। उन्होंने नागरिकों की सुरक्षा को सरकार की सबसे बड़ी जिम्मेदारी करार दिया। उन्होंने कहा, ‘‘बच्चों, खासतौर से नाबालिगों की सुरक्षा साझा जिम्मेदारी है। उन्हें अपने बड़ों के मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है।’’

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘जब मैं नाबालिग बच्चों की साझा जिम्मेदारी के बारे में बोलता हूं तो यह चिंता, परवाह और अपने नागरिकों एवं बच्चों के लिए प्यार की वजह से बोलता हूं। हम सभी बच्चों को प्यार करते हैं। मुख्यमंत्री के तौर पर गोवा के सभी बच्चों की मुझे चिंता है।’’ सावंत ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा से संबंधित मामलों में कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘गलतफहमी के लिए कोई जगह मत रखिए। चलिए, एकजुट रहें। एक-दूसरे पर विश्वास करें। आइए, हम एक गोवा के रूप में एकजुट रहे ताकि अपनी ताकत से हम ऐसी बुराइयों को खत्म कर सकें।’’

सावंत के बयान पर बंटा सोशल मीडिया: प्रमोद सावंत के इस बयान पर सोशल मीडिया पूरी तरह बंटा नजर आया। जहां कुछ लोगों ने सावंत के इस बयान पर निशाना साधा, वहीं बाकी लोगों ने उनका समर्थन भी किया। निखिल जाधव नाम के एक यूजर ने कहा, “गलत तरह से बयान लिया गया, जब भी नेताओं की बात पर विवाद होता है, तो वे इसी लाइन का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन इससे पहले उनकी सफाइ से पहले समर्थक उन्हें ठीक भी ठहराते हैं।”

एक और यूजर अफसार हयात अंसारी ने लिखा, “गलत तरह से बयान लिया गया, ये एक ऐसी लाइन है, जिसे गड़बड़ी के समय इस्तेमाल किया जाता है। माता-पिता अपने बच्चों को आजादी से कहीं भी भेज सकते हैं, ये उन्हें गैरजिम्मेदार नहीं बनाता। लेकिन इस तरह के बयान जरूर गैरजिम्मेदार हैं।”

उधर कुछ लोगों ने सीएम सावंत का समर्थन भी किया। ट्विटर यूजर @Isay_Chaps ने लिखा, “जब भी मेरी 18 साल की बेटी बाहर जाती है, तो मैं सुनिश्चित करता हूं कि वह अकेले न जाए। उसके साथ हमेशा लोग रहते हैं, क्योंकि सड़कों पर जानवर घूम रहे हैं। सावंत सही कह रहे थे, उन्हें अपने बयान से पलटी नहीं मारनी चाहिए थी।”

एक और यूजर ने @bhaiyafromup ने लिखा, “मुझे समझ नहीं आ रहा कि आखिर माता-पिता की जिम्मेदारी समझा कर सावंत ने क्या गलत कहा। ऐसे माता-पिता जो अपनी बच्चियों को सुबह 4 बजे बीच पर घूमने भेज देते हैं, वो भी अकेले।” एक और हैंडल, “मेरे माता-पिता कहते हैं कि 8 बजे से पहले घर लौट आओ और सुनसान जगह मत जाओ। क्योंकि पुलिस हर जगह नहीं हो सकती। वह भी तब जब हम दोनों बेटे हैं।”