गोवा के एक नाइट क्लब में आग लगने से 25 लोगों की मौत हो गई थी। उत्तरी गोवा के अरपोरा स्थित ‘बर्च बाय रोमियो लेन’ में शनिवार रात आग लग गई थी। इस घटना में मारे गए 25 लोगों में से ज़्यादातर नाइट क्लब के कर्मचारी थे। गोवा पुलिस ने अब तक इस मामले में क्लब के मुख्य महाप्रबंधक राजीव मोदक, महाप्रबंधक विवेक सिंह, बार प्रबंधक राजीव सिंघानिया और गेट प्रबंधक रियांशु ठाकुर को गिरफ्तार किया है। इस घटना ने 2017 में मुंबई के एक पब में लगी ऐसी ही आग की याद दिला दी जिसने ऐसी जगहो में अग्नि सुरक्षा संबंधी गंभीर खामियों को उजागर किया था। हालाँकि, लोअर परेल स्थित कमला मिल्स परिसर के अंदर एक इमारत में हुई इस घटना के आठ साल बाद भी, 13 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा शुरू नहीं हुआ है और आरोप तय होना बाकी है।

29 दिसंबर, 2017 को मोजो बिस्ट्रो में कथित तौर पर हुक्का बनाने के लिए जलाए गए कोयले की चिंगारी पर्दे पर गिरने से आग लग गई और तेज़ी से बगल के रेस्टोरेंट, 1अबव ( 1Above) में फैल गई। इस आग में 14 लोगों की मौत हो गई थी जिनमें 11 महिलाएं शामिल थीं। ज़्यादातर मौतें दम घुटने से हुईं क्योंकि रेस्टोरेंट में मौजूद लोग धुएँ के कारण बाहर नहीं निकल पा रहे थे और 1अबव के टाइलेट में शरण ले रहे थे।

दिसंबर, 2017 में जब मुम्बई के पब में लगी थी जानलेवा आग

इस घटना ने ज्वलनशील पदार्थों के कथित अनियमित उपयोग, बचने के रास्तों में रुकावटों और भोजनालयों में अनाधिकृत शेड बनाए जाने को लेकर चिंताएँ बढ़ा दी थीं। पुलिस ने 1अबव के मालिकों पर मामला दर्ज किया था और आरोप लगाया था कि सुरक्षा उपायों और अग्निशमन उपकरणों की कमी के लिए वे ज़िम्मेदार थे। पुलिस ने दावा किया था कि फंसे हुए लोग बाहर निकलने के रास्तों में रुकावटों और रेस्टोरेंट में रखे ज्वलनशील पदार्थों के कारण बाहर नहीं निकल पाए, जिससे आग तेज़ी से फैल गई।

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इस मामले में जिन नगर निगम अधिकारियों पर मामला दर्ज किया गया, उनमें एक स्टेशन अग्निशमन अधिकारी, एक सहायक संभागीय अग्निशमन अधिकारी और बीएमसी का एक उप-इंजीनियर शामिल है। पुलिस का दावा है कि उन्होंने रेस्टोरेंट में नियमों के उल्लंघन की सूचना नहीं दी थी। उनमें से एक ने कथित तौर पर झूठी रिपोर्ट दी थी, जिसमें यह छिपाया गया था कि छत पर लगी चादर ज्वलनशील पदार्थ से बनी है जिससे आग लगने का खतरा है।

घटना के आठ साल बाद 13 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा शुरू नहीं

पुलिस ने प्रबंधकों, हुक्का सर्विस प्रोवाइडर और हुक्का परिचारक के खिलाफ भी मामला दर्ज किया था। 13 आरोपियों में से 12 पर भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (2) (गैर इरादतन हत्या) के तहत मामला दर्ज किया गया था, जिसके लिए अधिकतम 10 साल की सजा का प्रावधान है। इसके अलावा, महाराष्ट्र अग्नि निवारण एवं जीवन सुरक्षा उपाय अधिनियम की अन्य धाराओं के तहत भी मामला दर्ज किया गया था।

दो अन्य आरोपियों, जिनके पास वे संपत्तियाँ थीं जिन पर ये रेस्टोरेंट चलते थे को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया। अधिकारियों ने बताया कि 23 दिसंबर को होने वाली अगली सुनवाई में अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए जाने की संभावना है।

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