यहां के महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय (एमवाईएच) के आॅपरेशन थियेटर में आॅक्सीजन की जगह बेहोश करने की दवा (नाइट्रस आॅक्साइड) देने से एक बच्चे की मौत हो गई और एक बच्चा गंभीर हो गया। उसे अस्पताल के आइसीयू में दाखिल कराया गया है। अस्पताल प्रशासन ने गैस की पाइप जोड़ने वाले एक निजी तकनीशियन के खिलाफ मामला दर्ज कराया है।
एमवाईएच के प्रभारी अधीक्षक डॉक्टर सुमित शुक्ल ने रविवार को बताया कि अस्पताल में 27 मई को हर्निया की सर्जरी के दौरान पांच साल के आयुष की मौत हो गई। इसके बाद 28 मई को लिंग की विकृति के आॅपरेशन के दौरान एक साल के राजवीर की तबीयत बुरी तरह बिगड़ गई। राजवीर का आइसीयू में इलाज चल रहा है। वहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। उन्होंने बताया कि दोनों मामलों की जांच में पता चला कि आॅपरेशन थिएटर में जिस पाइप से आॅक्सीजन आनी चाहिए, उससे नाइट्रस आॅक्साइड की आपूर्ति की जा रही थी। इस आॅपरेशन थियेटर का 24 मई को ही लोकार्पण किया गया था।
शुक्ल ने बताया कि गैस की आपूर्ति में गड़बड़ी का पता चलने के बाद आॅपरेशन थिएटर को सील कर दिया गया है। आॅपरेशन थिएटर में गैसों की आपूर्ति और इनके पाइप जोड़ने का काम करने वाली निजी कंपनी के तकनीशियन राजेंद्र चौधरी के खिलाफ संयोगितागंज पुलिस थाने में भारतीय दंड विधान की धारा 304 (ए) (लापरवाही से जान लेने) के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
