तेलंगाना में 14 साल की एक लड़की ने खुद को आग लगा ली। कारण उसके सहपाठियों का उसे चिढ़ाना था। वे उसे काली और बदसूरत कहते थे। पीड़िता कई दिनों से उनके इन्हीं तानों के चलते परेशान थी। वे उसे यह कहकर ब्लैकमेल भी करते थे कि वे उसकी बातें क्लास में हर किसी को बता देंगे। लड़की इन्हीं सब बातों की वजह से परेशान रहती थी। घटना के दौरान उसके शरीर का 45 फीसदी हिस्सा जला था, जिसके बाद उसकी मौत हो गई। यह मामला यहां के संगारेड्डी जिले में गुम्माडिडाला मंडल से जुड़ा हुआ है, जहां डोमाडुगु गांव स्थित प्रगति हाई स्कूल में एम.लावन्या (14) नौवीं कक्षा में पढ़ती थी। पुलिस के मुताबिक, “चूंकि वह सांवली थी, लिहाजा लड़के उसे ताने मारते थे। वे उसे अलग नामों से पुकारते थे, जिसके कारण वह रोती थी और परेशान रहती थी। एक लड़के ने तो उसके चरित्र को लेकर उसे ब्लैकमेल करने का प्रयास भी किया था। वह उससे कहता था कि वह उससे जुड़ी बातें क्लास के बाकी लोगों को बता देगा।”

लावन्या इन्हीं सब बातों के चलते अंदर ही अंदर घुट रही थी। घर पर उसने इसी कारण अपने हाथ की नस काटने की कोशिश भी की थी। हालांकि, उसने बाद में इस मसले को लेकर अपनी प्रिंसिपल के पास जाने का फैसला किया। लेकिन वहां से भी उसे किसी प्रकार की खास मदद मिलती नहीं दिखी। मजिस्ट्रेट को अंतिम वक्त दिए गए बयान में उसने बताया था, “प्रिंसिपल ने मुझसे पूछा था कि मैंने ऐसा क्यों किया? जब मैंने कहा कि मैंने खुद को खत्म करने का प्रयास किया तो उन्होंने पूछा कि क्या मैं मेंटल या पागल हूं। लेकिन मैंने अपनी शिकायत वापस नहीं ली।”

पुलिस का कहना है, “चूंकि प्रिंसिपल और स्कूल प्रबंधन ने उसकी शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया, इसलिए उसने 2 जनवरी को आत्महत्या का प्रयास किया और मिट्टी का तेल छिड़ककर खुद को आग लगा ली।” हादसे में उसके शरीर का 45 फीसदी हिस्सा जला था। नाजुक हालत में उसे हैदराबाद के गांधी अस्पताल ले जाया गया। मगर तब तक काफी देर हो चुकी थी और उसने वहीं दम तोड़ दिया। पुलिस इस लापरवाही के लिए स्कूल प्रबंधन पर मामला दर्ज करने के सिलसिले में जांच-पड़ताल कर रही है।