घाटकोपर हादसे में होर्डिंग गिरने से 14 लोगों की मौत हुई थी, अब मामले की जांच के लिए SIT का गठन कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि मुख्य आरोपी और विज्ञापन कंपनी के निदेशक भावेश भिंडे से एक बार फिर तफ्तीश से पूछताछ होने वाली है। असल में SIT की टीम ने भावेश के घर पर जांच की है, उन्हें कई ऐसे संदिग्ध डॉक्यूमेंट मिल रहे हैं जिनके आधार पर कुछ दूसरे सवाल-जवाब होंगे।

आरोपी के खिलाफ क्या सबूत?

अभी तक की जांच में पता चला है कि भावेश के 7 अलग-अलग बैंक अकाउंट थे। अब उन अकाउंट का इस मामले से क्या कोई कनेक्श हो सकता है, SIT इसका जवाब भी खोज रही है। सबसे बड़ा सवाल तो ये भी है कि आखिर होर्डिंग का इतना बड़ा कॉन्ट्रैक्ट भिंडे को मिला कैसे, क्या नियमों की अनदेखी हुई थी या फिर तय प्रक्रिया के तहत सबकुछ हुआ।

पुलिस हिरासत में भिंडे

जानकारी के लिए बता दें कि कोर्ट द्वारा भावेश भिंडे को 26 मई तक पुलिस हिरासत में भेजा गया है। उसके खिलाफ कई ऐसे सबूत मिले हैं जो इशारा करते हैं कि अगर लापरवाही नहीं होती तो शायद उन 14 लोगों की ऐसी दर्दनाक मौत भी नहीं होती। कुछ और लोगों पर भी सवाल उठे हैं, उनसे भी अभी पूछताछ की जा रही है। वैसे मुंबई में होर्डिंग इससे पहले भी गिरे हैं, पहले भी कई लोगों की मौत हुई है, लेकिन ये होर्डिंग फिर भी लगते रहते हैं।

बीएमसी और होर्डिंग का बिजनेस

समझने वाली बात ये है कि बीएमसी के लिए राजस्व का एक बड़ा हिस्सा भी उसकी तरफ से इन बोर्डिंग-होर्डिंग के जरिए इकट्ठा किया जाता है। अगर आधिकारिक आंकड़ों की बात करें तो मायानगरी मुंबई में इस समय लीगल 1025 होर्डिंग हैं और बीएमसी को उससे 100 करोड़ का रिवेन्यू मिल रहा है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या मुंबई में सिर्फ 1025 होर्डिंग हैं? इसका जवाब ही बताने के लिए काफी है कि इस समय होर्डिंग बिजनेस में पारदर्शिता की काफी कमी चल रही है।

बीएमसी का फ्यूचर टारगेट

बीएमसी ने तो टारगेट सेट कर रखा है कि इन होर्डिंग-बोर्डिंग से उन्हें कम से कम 200 करोड़ वार्षिक राजस्व प्राप्त हो। बीएमसी का तो प्लान है कि मुंबई में वो डिजिटल होर्डिंग को और ज्यादा तवज्जो दें जिससे उसका राजस्व 300 करोड़ तक पहुंच जाए। अब एक तरफ इन होर्डिंग के गिरने की वजह से लगातार बड़े हादसे हो रहे हैं तो दूसरी तरफ इनकी संख्या कम होने के बजाय बढ़ती जा रही है।