मध्य प्रदेश में एक आदिवासी महिला को 6 घंटे तक बंधक बनाकर गैंगरेप का मामला सामने आया है। मामला बैतूल जिले का है जहाँ एक आदिवासी विवाहिता का अपहरण कर 36 घंटे तक 6 लोगों ने मिलकर दुष्कर्म किया है। 36 घंटे तक दुष्कर्मियों के चंगुल में रही महिला को आरोपी बेहोसी की हालत में जंगल में छोड़ गए जिसके बाद वो 13 किलोमीटर पैदल चलकर बदहवाश हालत में बैतूल पहुंची। हद तो तब हो गई जब महिला रिपोर्ट दर्ज कराने थाने पहुंची तो पुलिस कर्मी उसे एक थाने से दूसरे थाने के चक्कर कटवाते रहे। महिला की हालत गंभीर होने पर उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
महिला का आरोप है कि आमला के छः दबंगों ने पहले उसका अपहरण किया और फिर जंगल में ले जाकर सभी 6 लोगों ने बारी-बारी से उसका गैंगरेप किया। इज्जत को तार-तार करने के बाद आरोपी बदहवास और बेहोसी की हालत में उसे ठण्ड भरी रात में जंगल में छोड़ कर भाग खड़े हुए। इससे पहले भी इस महिला ने इन्हीं आरोपियों के खिलाफ छेड़छाड़ की शिकायत दर्ज कराई थी लेकिन पुलिस ने उस पर कोई कार्रवाई नहीं की थी। दबंग इस महिला पर छेड़छाड़ की शिकायत वापस लेने का दबाव बना रहे थे। जब पीड़िता ने ऐसा नहीं किया तो सभी दबंगों ने मिलकर उसके साथ गैंगरेप किया।
पीड़ित महिला आमला के इतवारी इलाके की रहने वाली है। इलाके के कुछ दबंगों से विवाद चल रहा है। महिला के साथ पिछले 27 नवंबर को एक पूर्व पार्षद और उसके साथियों ने छेड़छाड़ की थी। जिसकी आमला थाने में शिकायत भी की गई थी। आरोपी इस परिवार पर इसी शिकायत को वापस लेने का दबाव बना रहा था। पीड़ित महिला की सास और देवर की मानें तो 15 तारीख की रात उनके घर पहुंचे 6 बाइक सवारों ने घर का दरवाजा तोड़कर पीड़िता को जबरदस्ती बाइक पर बैठा लिया और अपहरण कर ले गये।
आरोपी महिला को रमली रेलवे चौकी की तरफ के जंगल में ले गए जहां बंधक बनाकर उसके साथ दुराचार किया और फिर 16 तारीख को रात 12 बजे बेहोसी की हालत में जंगल में छोड़ दिया। सुबह होश आने पर पीड़िता रेलवे ट्रैक के सहारे बैतूल रेलवे स्टेशन तक पहुंची और अपनी सास के मोबाइल पर फोन लगाया। जिसके बाद यह परिवार महिला को लेने पहुंचा और महिला को मामले की शिकायत हेतु महिला डेस्क पर लाया गया जहाँ से उसे अजाक थाने भेजा गया। अजाक पुलिस ने भी उसे आमला पुलिस थाने जाने की नसीहत दे डाली। इस बीच महिला की हालात काफी बिगड़ चुकी थी। वह अस्पताल पहुंची तो घंटों OPD के सामने पड़ी कांपती रही। बाद में मीडिया के हस्तक्षेप करने पर उसे भर्ती किया गया। (बैतूल से कीर्ति राजेश चौरसिया की रिपोर्ट)

