नक्सली हमलों में शहीद हुए पुलिसकर्मियों की याद में गढ़चिरौली पुलिस मुख्यालय ने शहीद रूम बनाया हुआ है। इस रूम में 1991 से शहीद हुए पुलिसकर्मियों की फोटो लगी हुई है। बता दें कि खुरखेदा में बुधवार (1 मई) को हुए नक्सली हमले में 15 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। 15 पुलिसकर्मियों के शहीद होने के बाद से अब तक उस रूम में कुल 166 शहीदों के फोटो लगे हैं। जिसके चलते कमरे की चार दीवारों में से तीन दीवारें फोटो से सजी हैं। वहीं इन फोटोज के बारे में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने खुलासा किया कि कमरे में मौजूद कुल 166 पुलिसकर्मियों में से 66 फोटोज केवल ब्लास्ट में शहीद हुए जवानों की हैं।
पुलिसकर्मियों की श्रद्धांजलि के लिए बना था रुमः 2003 में गढ़चिरौली के एसपी रहे पुलिस महानिरीक्षक (कारागार) राजवर्धन के अनुसार इस रूम को बनाने का मकसद शहीद पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि देना था। उन्होंने कहा, ‘हम एक ऐसी जगह बनाना चाहते थे, जहां युवा आकर प्रेरणा लें और समझें कि पुलिसकर्मी नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में अपने प्राणों की आहुति क्यों देते हैं। इसके माध्यम से शहीदों के परिवार, उनके निकट और प्रियजनों को याद करने का एक जरिया भी बनाना था।’ बताया जा रहा है कि इस रूम में सबसे पहले 20 साल के कॉन्सटेबल दानू मट्टामी का फोटो लगा है जो 20 जून 1991 को कोटमी गाँव के जंगलों में घात लगाए नक्सलियों के निशाने पर आ गए थे।
National Hindi News, 05 May 2019 LIVE Updates: पढ़ें आज की बड़ी खबरें
ऐसे बनते हैं शहीदों के फोटोः पुलिस अधिकारियों के अनुसार रूम में लगे सभी फोटो पुलिस में शामिल होते समय दिए जाने वाले फोटो से ही बने हैं। ड्यूटी के दौरान शहीद होने के बाद उनके फोटो को चंद्रपुर के एक फोटो स्टूडियों में भेजा जाता है। जहां पर उसको फ्रेम में मढ़कर वापस गढ़चिरौली पुलिस मुख्यालय लाया जाता है। इसके बाद एसपी के मौजूदगी में पूजा के बाद फूल मालाएं चढ़ाई जाती है। बता दें कि सभी फोटोज को ऐसे बनाए जाते हैं कि उसमें फोटो के साथ तिरंगा भी दिखाई दें। बताया जा रहा है कि सभी फोटो को घटनाक्रम के अनुसार लगाया गया है। ऐसे में एक अधिकारी ने बताया कि 2009 में सबसे ज्यादा पुलिसकर्मी ऐसे हमले में शहीद हुए थे जिसमें माओवादियों ने धनोरा तालुका के हट्टी गोदा पहाड़ी में एक पुलिस गश्ती पार्टी पर गोलीबारी की थी। इस गोलीबारी में 16 पुलिस कर्मी मारे गए थे।