ओडिशा के राउरकेला से हफ्ते की शुरुआत में गिरफ्तार किए गए सिमी से जुड़े चार लोगों ने पुलिस को बताया है कि वे 2013 में यूपी के मुजफ्फरनगर में हुए दंगों का बदला लेने की फिराक में थे। 17 फरवरी को पुलिस ने सिमी के संदिग्‍ध आतंकी शेख महबूब, अमजद खान, जाकिर हुसैन और मोहम्‍मद सलेक को गिरफ्तार किया गया था। पकड़े गए लोगों में महबूब की मां नजमा बी भी थीं। इस ऑपरेशन को ओडिशा और तेलंगाना पुलिस के अलावा इंटेलिजेंस ब्‍यूरो ने मिलकर चलाया था।

इन पांचों से भुवनेश्‍वर स्‍थ‍ित स्‍पेशल ऑपरेशन ग्रुप के एंटी माओइस्‍ट सेंटर में पूछताछ चल रही है। पुलिस के मुताबिक, इन लोगों ने जांचकर्ताओं से बताया कि वे उन दंगों का बदला लेना चाहते थे, जिसमें कम से कम साठ लोगों की मौत हो गई थी और हजारों को घर छोड़ना पड़ा था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इन लोगों की योजना थी कि मोटरसाइकिलों में बम लगाकर आईईडी के जरिए धमाका किया जाए। वे भीड़भाड़ भरे इलाकों में ये धमाके करना चाहते थे। पुलिस के मुताबिक, इन्‍होंने कई जगहों की रेकी भी की। ये लोग बिजनौर में आईईडी बनाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन इसमें धमाका हो गया। धमाके में महबूब बुरी तरह से घायल हो गया। इसके बाद, इनके मुजफ्फरनगर में धमाके करने की योजना ठहर गई। इसके बाद, ये संदिग्‍ध दक्षिण भारत के कई शहरों में धमाका करना चाहते थे।

पुलिस ने बताया कि कुछ महीने तक भागने के बाद इन लोगों ने पिछले साल ओडिशा के भद्रक कस्‍बे में पनाह ली। इन्‍होंने एक मवेशी के व्‍यापारी से 1400 रुपए महीने के हिसाब से एक मकान किराए पर लिया। इन लोगों ने खुद को लकड़ी और खाद का कारोबारी बताया। ये लोग यहां किसी से बात नहीं करते थे। सभी सुबह ही घर से निकल जाते थे और रात को घर लौटते थे। इस दौरान महिला घर पर ही रहती थी। ये चारों एक साथ कहीं नहीं जाते थे। पुलिस के मुताबिक, घर में जांच के दौरान सिमी से जुड़ी एक मैगजीन, जिहाद छेड़ने के 44 तरीके नाम की किताब, दो मोबाइल फोन, एक डोंगल, एक पेन ड्राइव और कुछ तार बरामद हुए। कमरे में कुछ ऐसे दस्‍तावेज भी मिले, जिसमें बताया गया था कि आईईडी कैसे बनाए जाते हैं। इन लोगों ने एक स्‍थानीय को एक लैपटॉप भी बेचा था, जिसे बरामद कर लिया गया है।