गोड्डा के पूर्व राजद विधायक संजय यादव ने मारपीट और रंगदारी के एक मामले में सोमवार को बांका कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। उन्होंने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के कोर्ट में जमानत की अर्जी भी दाखिल की जिसे अदालत ने खारिज कर दिया। और कोर्ट ने आदेश पर उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। बताते है कि उनके वकील ने जमानत रद्द होने के तुरंत बाद जिला जज के इजलास में अर्जी दी। जिस पर मंगलवार को सुनवाई होगी।
ध्यान रहे कि डिवीजन के बांका जिला अंतर्गत ढाकामोड़ के वाशिंदें गोड्डा (झारखंड) के पूर्व राजद विधायक संजय यादव के विरुद्ध मारपीट, रंगदारी, जान मारने की धमकी तथा आर्म एक्ट के तहत विगत 12 मई 2017 को बांका जिले के बाराहाट थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। यह प्राथमिकी इसी थाना क्षेत्र के नेमुआ मसुदनपुर स्थित निर्माणाधीन गैस रिफिलिंग प्लांट के साइट इंचार्ज बेगूसराय निवासी भूषण सिंह तथा उनके कर्मियों के साथ 10 मई को हुई मारपीट के सिलसिले में दर्ज कराई गई थी। जिसमें पूर्व विधायक संजय यादव के साथ जामुन यादव नामजद तथा 30- 35 अज्ञात को आरोपी बनाया गया था।
मगर बांका पुलिस कार्रवाई करने में ढिलाई बरती । तो भागलपुर रेंज के डीआईजी विकास वैभव से मिल प्लांट के प्रबंधक को दरखास्त दे गुहार लगाई। डीआईजी ने बांका एसपी को फौरन कार्रवाई करने का आदेश दिया। इसके बाद दबंग पूर्व विधायक की गिरफ्तारी के लिए जोरदार दबिश दी गई। लेकिन वे इलाका छोड़ भूमिगत हो जाने की वजह से उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा सका। उस दौर में उनकी गिरफ्तारी के लिए लगातार बड़े पैमाने पर उनके कई ठिकानों पर छापामारी भी की गई थी। पुलिस ने उनके ढाकामोड़ स्थित घर पर इस्तेहार भी लगाया था। इस बीच राजनैतिक दबाब पुलिस पर डालने की बात सामने आई थी।
मगर मामला दबता न देख बाद में पूर्व विधायक संजय यादव ने इस मामले में पटना उच्च न्यायालय से अग्रिम जमानत की अर्जी दी थी। जिसे उच्च न्यायालय ने गत माह खारिज करते हुए उन्हें 4 सप्ताह के अंदर कोर्ट में सरेंडर करने का आदेश दिया था। आखिरकार उन्होंने सोमवार को आत्मसमर्पण कर दिया और जेल चालान कर दिए गए। इनका जेल जाना इलाके में चर्चा का विषय बना है।
