दिल्ली के ट्रोनिका सिटी थाना क्षेत्र में खाद्य सुरक्षा टीम ने सोमवार (18 मार्च) को दिल्ली-सहारनपुर हाईवे पर 100 क्विंटल मिलावटी मावा बरामद किया है। मंडोला गांव के पास तीन मिनी ट्रकों में मावों को भरकर छिपाकर ले जाया जा रहा था। खाद्य विभाग अधिकारियों ने बताया कि ये मिलावटी मावा बागपत से दिल्ली ले जाया जा रहा था। इस 100 क्विंटल मावे की कीमत करीब 18 लाख रुपए बताई जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि मावे का सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिया गया है। वहीं सैंपल रिपोर्ट के मुताबिक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

मुखबिर से मिली जानकारी: इस पूरे मामले पर एसडीएम आदित्य प्रजापति ने बताया कि खाद्य सुरक्षा विभाग से मिली खबर के मुताबिक सोमवार (18 मार्च) की सुबह बागपत से दिल्ली जा रहे तीन मिनी ट्रकों को चेकिंग के लिए रोका गया। खाद्य विभाग ने जब ट्रक के अंदर रखे मावे को परखा तो सामने आया कि सारा मावा मिलावटी था। पुलिस ने बताया कि मिलावटी मावे को मंडोला गांव के पास गड्ढा खोदकर दबाया गया था। जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी राजेश अग्रहरि ने बताया कि उन्होंने मावे का सैंपल लेकर उसे जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेज दिया है। वहीं बाकी बचे मिलावटी मावे को फेंक दिया गया है।

 

स्किम्ड मिल्क पाउडर का किया जाता है इस्तेमालः मुख्य सुरक्षा अधिकारी एनएन झा ने बताया कि नकली मावा बनाने के लिए घटिया स्तर के स्किम्ड मिल्क का इस्तेमाल किया जाता है। स्किम्ड मिल्क पाउडर को पानी में घोलकर मिलाया जाता है और उसके बाद देर तक  उसे कढ़ाई में पकाया जाता है। इसके बाद मावे में रिफाइंड का इस्तेमाल कर उसे चिकना बनाया जाता है। ऐसा करने से यह हूबहू दूध से बना मावा बनकर तैयार हो जाता है। यही नहीं मावे को सफेद रंग देने के लिए पाउडर, चूना , चॉक आदि का इस्तेमाल किया जाता है। इसके साथ ही झा ने बताया कि आगामी त्योहार के चलते मिलावटी मावे की घटनाएं बढ़ जाती है। वहीं इन नकली मावे से बनी मिठाईयां खाने से सेहत पर बुरा असर पड़ता है।