नागपुर के गोरेवाड़ा रेस्क्यू सेंटर में रह रहे नौ साल के बाघ साहेबराव की जिंदगी एक घटना ने पूरी तरह से बदल दी। कभी ताडोबा-अंधेरी इलाके की शान रहे साहेबराव ने उस हादसे में पैर गंवा दिया था। लेकिन अब उसे फिर से नई जिंदगी मिलने जा रही है। पहली बार दुनिया में किसी बाघ को प्रोस्थेटिक पंजा लगाया जाएगा। लंबे समय से इसकी तैयारी चल रही थी लेकिन अब नए साल में यह योजना मूर्त रूप लेने जा रही है।
छह साल पहले साहेबराव महज दो साल की उम्र में अपने भाई के साथ एक फंदे में फंस गया था। बहेलिया शिकारियों के उस जाल ने साहेबराव के भाई की जान ले ली। साहेबराव बच निकला लेकिन पैर गंवाना पड़ गया। पंजा काटने से पैर की रक्त कोशिकाओं में समस्या हो गई और वह न्यूरोमा का शिकार हो गया। इसके बाद छह साल से वह कटे हुए पंजे के दर्द से कराह रहा है।
नागपुर के ऑर्थो सर्जन डॉक्टर सुश्रुत बाभुलकर साहेबराव को कृत्रिम पंजा लगाने पर काम कर रहे हैं। उसे सिलिकॉन से बना पंजा लगाया जाएगा। बाभुलकर बताते हैं, ‘साहेबराव पर जब मेरी नजर पड़ी तब वह किसी रॉयल किंग की तरह शान से बैठा था। मुझे देखते ही वह अचानक खड़ा हो गया। तीन पैरों पर लंगड़ाता हुआ मेरी तरफ आया। मैंने कभी किसी जंगल के राजा को इसके पहले इतना असहाय महसूस नहीं किया था।’
बाभुलकर के मुताबिक, ‘ऐसा लगा कि वह मुझसे कुछ कहना चाहता है। अपना दर्द बताना चाहता है। अचानक ही उसका कटा हुआ पैर दिख गया। वह कराह रहा था। साहेबराव की पूरी जानकारी लेने के बाद मैंने उसे गोद लेने का फैसला किया। अगर साहेबराव को कृत्रिम पैर और पंजा लगाया जाए तो वह उसे निकाल देगा। इसके लिए इंग्लैंड के एक विश्वविद्यालय से बातचीत की जा रही है। उनसे हरी झंडी मिलने के बाद ही यह प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।’