तेलंगाना के एक हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्लांट के अंदर पावर हाउस में गुरुवार देर रात लगी आग की चपेट में आकर 9 लोगों की मौत हो गई है। एनडीआरएफ की टीम ने राहत और बचाव कार्य के दौरान पावर प्लांट के अंदर से लाशें निकाल ली हैं। तेलंगाना स्टेट पावर जेनरेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि तेलंगाना-आंध्र प्रदेश बॉर्डर पर श्रीसैलम बांध के इस अंडरग्राउंड पावर प्लांट की यूनिट-1 में कल देर रात 10:30 बजे शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लगी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि मेरी संवेदनाएं मृतकों के परिवारों के साथ हैं। मैं उम्मीद करता हूं कि जो लोग घायल हुए हैं, वे जल्द ही ठीक हो जाएंगे।

बताया गया है कि नाइट शिफ्ट के दौरान पावर प्लांट के अंदर कुल 19 लोग थे। प्लांट में आग लगने के बाद ही रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया था। रात से सुबह तक 10 लोगों को बाहर भी निकाल लिया गया। पर 9 लोग अंदर ही फंसे रह गए थे। जिन लोगों को रेस्क्यू किया गया, उनमें से 6 की हालत गंभीर है और उन्हें श्रीसैलम में ही अस्पताल में भर्ती किया गया है।

इस घटना के बाद नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (एनडीआरएफ) की एक टीम रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए घटनास्थल पर पहुंची। हालांकि, धुएं के उठते गुबार और गर्मी के चलते अंदर फंसे लोगों को लंबे समय तक ढूंढा नहीं जा सका। एनडीआरएफ की मदद के लिए कुरनूल जिले के अतमाकुर फायर स्टेशन की एक टीम भी पहुंची थी।

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी ने घटना के बाद अपने श्रीसैलम दौरे को रद्द कर दिया। वे यहां एक प्रोजेक्ट साइट पर पूजा के लिए आने वाले थे। दूसरी तरफ तेलंगाना की केसीआर सरकार ने कहा है कि वह हालात पर लगातार नजर बनाए हुए है।

तेलंगाना सरकार में मंत्री जी जगदीश्वर रेड्डी के मुताबिक, आग लगते ही पावर प्लांट की बिजली सप्लाई को काट दिया गया। हम सिंगारेनी कोल खदान में काम करने वाली टीम की मदद भी ले रहे हैं, क्योंकि उन्हें इन हालात से निपटने का अनुभव हो सकता है। फिलहाल हमारे लिए अंदर फंसे लोगों को निकालना प्राथमिकता है।