जहां एक तरफ केंद्र सरकार मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से आजादी दिलाने के लिए अध्यादेश का रास्ता अपनाने की तैयारी कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ इन महिलाओं के ऊपर हो रहे अत्याचार कम होने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। हाल ही में उत्तर प्रदेश के कानपुर की एक महिला क्रिकेटर ने खुद को तीन तलाक का पीड़ित बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखा है और न्याय की गुहार लगाई है। राष्ट्रीय स्तर की महिला क्रिकेटर ने अपने पति के ऊपर तीन तलाक के माध्यम से शादी तोड़ने का आरोप लगाया है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक महिला क्रिकेटर के पति ने उससे शादी करने के पांच साल बाद साल 2016 में दूसरी शादी कर ली और जब महिला ने दूसरी शादी का विरोध किया तो उसके पति ने तीन बार तलाक कहते हुए उसे तलाक दे दिया। कानपुर की रहने वाली महिला क्रिकेटर ने राज्य के शिक्षा विभाग में टीचर के रूप में कार्यरत फरदीन खान उर्फ सलमान खान से साल 2016 में शादी की थी।

पति की दूसरी शादी के बाद महिला ने इस बात की शिकायत शिक्षा विभाग के अधिकारियों से भी की थी, लेकिन उनकी तरफ से कोई कदम नहीं उठाया गया। क्षेत्रीय सहायक शिक्षा निदेशक ने अपने आदेश में साफ-साफ कहा था कि इस मामले में 15 दिनों के अंदर उपयुक्त कदम उठाए जाएंगे। हालांकि शिक्षा निदेशक के आदेशों के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। दो सालों तक न्याय की मांग करते हुए महिला क्रिकेटर ने हर दरवाजा खटखटाया, लेकिन जब उसे कोई समाधान नहीं मिला, कहीं से भी कोई मदद नहीं मिली, तब उसने पीएम मोदी को खत लिखकर इंसाफ मांगा।

आपको बता दें कि केंद्र सरकार तीन तलाक को लेकर काफी गंभीर है। रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार तीन तलाक पर अध्यादेश ला सकती है। कहा जा रहा है कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव के ठीक बाद अध्यादेश को पास कर दिया जाएगा। दरअसल, विपक्ष से टकराव के बाद तीन तलाक से संबंधित बिल अभी संसद में ही अटका हुआ है, ऐसे में अब केंद्र सरकार अध्यादेश लाकर मुस्लिम महिलाओं को शक्ति देने की तैयारी कर रही है।