अफ्रीका से भारत लाए गए चीतों में तीसरे की मौत हो गई है। मध्य प्रदेश के चीफ फॉरेस्ट कंजर्वेटर जेएस चौहान द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, मंगलवार (9 मई) को सुबह कूनो नेशनल पार्क में मादा चीता दक्षा घायल हालत में मिली। दक्षा का इलाज किया गया लेकिन बावजूद इसके थोड़ी देर बाद उसकी मौत हो गई।
संबंधित विभाग द्वारा जारी किए गए प्रेस नोट के अनुसार, मंगलवार को सुबह 10 बजे कूनो नेशनल पार्क में चीता दक्षा मॉनिटरिंग दल को घायल हालात में मिली। इसके बाद डॉक्टर्स ने उसका इलाज किया लेकिन थोड़ी देर बाद करीब दोपहर 12 बजे उसकी मौत हो गई। प्रेस नोट में बताया गया कि दक्षा को बाड़ा नंबर 1 में छोड़ा गया था और उसके पास के बाड़ा नंबर 7 में दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीता कोयलिशन वायु और अग्नि को छोड़ा गया था।
प्रेस नोट में आगे जानकारी दी गई है कि 30 अप्रैल 2023 को हुई मीटिंग में बाड़ा संख्या 7 में मौजूद चीता मेल कोयलिशन अग्नि और वायु को मादा चीता दक्षा से मिलाने का फैसला लिया गया। इसी वजह से बाड़ा संख्या 7 और 1 के बीच का गेट 1 मई को खोला गया। इसके बाद चीता मेल कोयलिशन 6 मई को बाड़ा संख्या 7 से बाड़ा संख्या 1 में प्रवेश कर गया।
विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, मादा चीता दक्षा पर पाए गए घाव संभवत: मेटिंग के दौरान के मालूम पड़ते हैं। प्रेस नोट में बताया गया है कि नर कोयलिशन चीता द्वारा मेटिंग के दौरान मादा चीतों के साथ हिंसक व्यवहार सामान्य है। ऐसी स्थिति में निगनारी टीम द्वारा हस्तक्षेप की संभावना लगभग न के बराबर होती है। प्रेस नोट में बताया गया है कि मृत मादा चीता का नियमों के अनुसार शव परीक्षण पशु चिकित्सक दल द्वारा किया जा रहा है।
आपको बता दें कि पिछले साल कुल 20 चीते दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से भारत लाए गए थे। इन चीतों में से दो चीतों की मार्च और अप्रैल की महीने में मौत हो गई थी। मादा चीता साशा को किडनी की बीमारी थी, वह 23 जनवरी से ही कमजोर और थकी हुई नजर आ रही थी। इसके बाद अप्रैल में चीता उदय भी बीमारी की वजह से मर गया।