जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने एक बार फिर से नरेंद्र मोदी सरकार पर तंज कसा है। उन्होंने किसानों की समस्या और बेरोजगारी के मसले पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। फारूक अब्दुल्ला ने सरकार पर भगवान राम के नाम पर जनता को मूर्ख बनाने का भी आरोप लगाया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘आज के दिन आप धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक भारत को देखिए। आप उन मुद्दों के लिए नहीं लड़ रहे हैं, जिसका सीधा सरोकार आमलोगों से है। आप राम के लिए लड़ रहे हैं। क्या राम स्वर्ग से आ रहे हैं और किसानों के लिए कुछ बेहतर कर देंगे? या चूंकि राम आ रहे हैं, इसलिए बेरोजगारी एक ही दिन में खत्म हो जाएगा? वे लोग लोगों को मूर्ख बना रहे हैं।’ फारूक अब्दुल्ला पिछले कुछ दिनों से लगातार मोदी सरकार पर हमला बोल रहे हैं। कुछ दिनों पहले उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी को पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी से सीख लेने की नसीहत दी थी। अब्दुल्ला ने कहा था कि यदि पीएम मोदी को सभी तबकों के लोगों के लिए स्वीकार्य होना है तो उन्हें वाजपेयी से सहिष्णुता की सीख लेनी चाहिए। मालूम हो कि अटल बिहारी वाजपेयी के शासनकाल में फारूक अब्दुल्ला की पार्टी एनडीए की सहयोगी थी। खुद फारूक केंद्र में मंत्री भी थे। वह वाजपेयी की कश्मीर नीतियों के भी हिमायती रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर की राजनीति से बढ़ी तल्खी: बीजेपी महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी के साथ सरकार चला रही थी। बीजेपी की ओर से समर्थन वापस लेने से महबूबा की सरकार गिर गई थी। इसके बाद से ही जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू था। कुछ सप्ताह पहले अचानक से प्रदेश का राजनीतिक महौल गरमा गया था, जब पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने राज्यपाल सत्यपाल मलिक को पत्र लिखकर सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया था। पीडीपी ने नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस का समर्थन हासिल होने का दावा किया था। उधर, सज्जाद लोन ने भी सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया था। इसके कुछ घंटों बाद ही राज्यपाल ने विधानसभा को भंग करने का एलान कर दिया था। ऐसे में नए सिरे से सरकार बनाने के लिए चुनाव एकमात्र विकल्प बचा। पीडीपी, नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस ने राज्यपाल सत्यपाल मलिक के फैसले की कड़ी आलोचना की थी। विपक्षी दलों ने इसके पीछे बीजेपी का हाथ होने का भी आरोप लगाया था।