बैंक के कर्ज में डूबे एक किसान ने तगादे से आजिज आकर बहन के गांव में फांसी के फंदे पर झूलकर आत्महत्या कर ली। मंगलवार सुबह जंगल गए ग्रामीणों ने पेड़ से शव को लटका देखा तो सूचना ग्राम प्रधान के पति को दी। प्रधानपति की सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया। कर्ज के चलते किसान द्वारा की गई आत्महत्या ने सरकार के किसानों को खुशहाल बनाने के दावों की पोल खोल दी है। ग्राम अकबरपुर शीमली थाना चांदपुर निवासी शौवीर सिंह पुत्र भारत सिंह (40) ने आर्थिक स्थिति ठीक न होने के चलते चांदपुर के भूमि विकास बैंक तथा विदुर ग्रामीण बैंक से करीब तीन लाख का कर्ज ले रखा था, जिसे वह चुका नहीं पा रहा था। बैंक वाले उस पर लगातार कर्ज चुकाने का दबाव बना रहे थे। उनके तगादे से बचने के लिए वह रिश्तेदारियों में छुपता फिर रहा था।
बताया जाता है कि शौवीर रविवार को अपनी नहटौर थाना क्षेत्र के गांव जोगीपुरा निवासी अपनी बहन सुनीता पम्नी पीतांबर सिंह के घर आया हुआ था। सोमवार की रात वह बहन के घर खाना खाने के बाद दुकान से बीड़ी लाने को कहकर घर से निकला था। देर रात तक घर न लौटने पर परिजनों ने उसकी तलाश की, लेकिन उसका कहीं पता नहीं चल सका। मंगलवार की सुबह जब ग्रामीण जंगल जा रहे थे तो उन्हें पड़ोसी गांव खजूरा जट निवासी राशन डीलर सतीश कुमार के खेत में खड़े आम के पेड़ पर शौवीर का शव लटका देखा।
पेड़ पर शव लटका होने की खबर जंगल में आग की तरह फैल गई। ग्राम प्रधानपति धर्मवीर सिंह ने मामले की सूचना पुलिस को दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए बिजनौर भेज दिया। उसकी मौत से परिजनों में कोहराम मचा हुआ है। मृतक के भाई सुखवीर सिंह ने बताया कि शौवीर की पत्नी की चौदह वर्ष पूर्व मौत हो गई थी। उससे एक बेटा है। आर्थिक स्थिति कमजोर होने के चलते शौवीर ने भूमि विकास बैंक व विदुर ग्रामीण बैंक से करीब तीन लाख रुपये का ऋण लिया था, जिसे वह चुका नहीं पा रहा था। बताया जाता है कि वर्तमान में बैंक शाखाओं ने उस पर कर्ज चुकता करने का पूरा दबाव बना रखा था।
कर्ज के नीचे दबे किसान द्वारा आत्महत्या करने से उसका चौदह वर्षीय इकलौता पुत्र अनाथ हो गया। जन्म के बाद ही मां की मौत होने पर पिता शौवीर ने ही उसे मां की ममता व पिता का दुलार दिया था। किशोर का विलाप देख प्रत्यक्षदर्शी भी अपने आंसू नहीं रोक पाए।