किसान आंदोलन को स्थगित हुए एक महीना हो चुका है। तब सरकार से कृषि कानून की वापसी के साथ-साथ कुछ मुद्दों पर आश्वासन के बाद ये आंदोलन स्थगित हुआ था, लेकिन फिर से अब किसान सरकार के खिलाफ उठने की तैयारी कर रहे हैं। किसान एमएसपी और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के मुद्दे पर सरकार से खफा चल रहे हैं।

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार के खिलाफ किसान संघों का आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक कि कृषि उपज पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का वादा पूरा नहीं हो जाता है। बीकेयू के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि वह शोक संतप्त किसान परिवारों से मिलने के लिए 21 जनवरी से 3-4 दिनों के लिए लखीमपुर खीरी का दौरा करेंगे।

टिकैत ने कहा- “हम 21 जनवरी से 3-4 दिनों के लिए उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी का दौरा करेंगे और प्रभावित किसानों के परिवारों से मिलेंगे। हम अपने आंदोलन की आगे की कार्रवाई पर चर्चा करेंगे और रणनीति बनाएंगे।”

वहीं भारतीय किसान यूनियन के नेता युद्धवीर सिंह ने कहा कि केंद्र की तरफ से एमएसपी पर कोई संपर्क नहीं किया गया है। उन्होंने कहा- “अब तक, केंद्र ने न तो एमएसपी पर कोई समिति बनाई है और न ही इस पर हमसे संपर्क किया है। केंद्र सरकार ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री को नहीं हटाया है, जिनका बेटा लखीमपुर खीरी कांड में शामिल है। अगर सरकार हमारी मांगों का जवाब नहीं देती है, तो हम 31 जनवरी को विरोध दिवस मनाएंगे”। उन्होंने चेतावनी दी कि किसान एक फरवरी से उत्तर प्रदेश में फिर से आंदोलन शुरू करेंगे।

बता दें कि दिसंबर में, संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्र सरकार द्वारा एक आधिकारिक पत्र देने के बाद, एमएसपी पर एक समिति के गठन और किसानों के खिलाफ मामले वापस लेने का वादा करने के बाद आंदोलन को निलंबित कर दिया था। जिसके बाद एक साल से भी ज्यादा समय तक चला यह आंदोलन रुक गया और किसान अपने घर वापस लौट गए थे।