फर्जी पुलिस इंस्पेक्टर बन लोगों से धोखाधड़ी करने वाले एक गिरोह के 3 सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इनके पास से लूट के रुपए और नकली सोने के 200 के अधिक सिक्के बरामद हुए हैं। इस गिरोह में पुलिस से बर्खास्त एक सिपाही भी शामिल था, जबकि दो सदस्य अभी भी फरार हैं, जिनकी तलाश की जा रही है। कानपुर पुलिस के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसएसपी शलभ माथुर ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली कि शहर के झकरकट्टी बस स्टेशन पर अपने को पुलिस इंस्पेक्टर बताकर लोगों से धोखाधड़ी करने वाला एक गिरोह मौजूद है और वहां वह किसी वारदात को अंजाम देने की फिराक में है। सूचना के बाद पुलिस ने बस स्टेशन पर छापा मारकर तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया। इनके पास से करीब चार लाख रूपये नकद तथा नकली सोने के सिक्के और अन्य सामान बरामद किया गया।

पूछताछ में इन्होंने बताया कि गिरोह के मुखिया अरविंद श्रीवास्तव पहले पुलिस में कांस्टेबिल था और 1987 में पुलिस सेवा से बर्खास्त हो गया था। इसके साथ दो अन्य गिरफ्तार हरगोविंद जोशी और ज्ञानेंद्र प्रताप है। इन तीनों ने पूछताछ में बताया कि फर्जी पुलिस इंस्पेक्टर बनकर 26 अप्रैल 2016 को रेलवे स्टेशन फरूर्खाबाद से एक व्यापारी से तीन लाख अस्सी हजार रूपये ठगे थे और कानपुर के झकरकट्टी बस अडडे से एक व्यापारी से 35 हजार रूपये ठगे थे।

यह बस स्टेशन और रेलवे स्टेशन पर ही आने जाने वाले व्यापारियों को पुलिस इंस्पेक्टर बन कर धोखाधड़ी किया करते थे। यह व्यापारियों को नकली सोने के सिक्के बेंच कर उनसे रूपया ले लेते थे। एसएसपी ने बताया कि इनके पास से ठगे गये करीब चार लाख रुपए तथा 270 नकली सोने के सिक्के बरामद हुये हैं। इस गिरोह के दो अन्य सदस्य प्रेमसागर और पप्पू पंडित फरार हैं, जिनकी तलाश की जा रही है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।