प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शनिवार के मणिपुर दौरे को देखते हुए उग्रवादियों ने बंद का आह्वान किया है। छह उग्रवादी समूहों की समन्वय समिति (को-कॉम) ने शनिवार (25 फरवरी) को सुबह छह बजे से बंद का ऐलान किया है। को-कॉम का कहना है कि बंद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इम्फाल छोड़ने तक प्रभावी रहेगा। पुलिस का कहना है कि प्रधानमंत्री के एक घंटे के राज्य के दौरे के दौरान कानून एवं व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।
को-कॉम ने एक बयान में केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि वह उन समुदायों को आपस में लड़ाने की साजिश कर रही है, जो शांति व सौहार्द के साथ पीढ़ियों से रह रहे हैं। बंद के दौरान लोगों से घरों से बाहर नहीं निकलने को कहा गया है। हालांकि इस दौरान मीडिया तथा कुछ अन्य आवश्यक सेवाओं को छूट हासिल होगी।
मणिपुर में उग्रवादी समूह हमेशा से किसी भी केंद्रीय मंत्री या गणमान्य के दौरे का बहिष्कार करते रहे हैं। वहीं, राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी चुनावी सभाओं में कहती रही है कि मोदी को अपने इम्फाल दौरे के दौरान एनएससीएन (आईएम) के साथ केंद्र सरकार के समझौते की विस्तृत जानकारी देनी चाहिए। छात्र और महिला कार्यकर्ता भी इस समझौते की विस्तृत जानकारी मांग रहे हैं।
शराब मुक्त मणिपुर में चुनाव के दौरान निगरानी तेज
मणिपुर आधिकारिक रूप से तो एक शराबमुक्त राज्य है लेकिन चुनाव को देखते हुए राज्य में शराब को लेकर निगरानी तेज कर दी गयी है और आबकारी विभाग ने नियमित रूप से भारी मात्रा में शराब जब्त की है। चार जनवरी को चुनावों की घोषणा होने के बाद से प्रवर्तन निदेशालय ने राज्य के विभिन्न इलाकों में छापेमारी के दौरान 51 लीटर आईएमएफएल (भारत में निर्मित विदेशी शराब) और करीब 57 लाख रुपए की देशी शराब जब्त की। वर्ष 1991 से मणिपुर एक शराबमुक्त राज्य रहा है। राज्य में शराब और मादक पदार्थ के इस्तेमाल पर रोक लगाने की चौतरफा मांग के बाद राज्य सरकार ने इस संबंध में एक कानून पारित किया था जिसके बाद राज्य शराबमुक्त बना।
शराब की जब्ती निर्वाचन आयोग के लिये चिंता का विषय है क्योंकि आयोग को आशंका है कि शराब से मतदाताओं को प्रभावित किया जा सकता है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त नसीम जैदी ने राज्य में अपने हालिया दौरे के दौरान कहा, ‘यह सच है कि मणिपुर एक शराबमुक्त राज्य है लेकिन अंतरराज्यीय एवं अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के जरिये शराब का प्रवाह अनियंत्रित है… ऐसी संभावना है कि मतदाताओं को प्रभावित करने में इसका दुरूपयोग किया जा सकता है।’ जैदी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने मुख्य सचिव से यह सुनिश्चित करने के लिये कहा है कि मणिपुर को अक्षरश: वाकई में शराबमुक्त बने रहना चाहिए।’’

