महाराष्ट्र के पालघर में गुरुवार रात भीड़ ने अफवाह के चलते दो साधुओं समेत 3 लोगों की मॉब लिंचिंग कर दी। घटना के दिन दोनों साधु इंटिरियर रोड से होते हुए मुंबई से गुजरात जा रहे थे। किसी ने उनके बच्चा चोर और मानव अंगों की खरीद-फरोख्त करने वाले होने की अफवाह उड़ा दी। इसके बाद सैकड़ों लोगों की भीड़ उनके ऊपर टूट पड़ी। दोनों साधु और ड्राईवर सूरत में एक अंतिम संस्कार के शामिल होने के लिए जा रहे थे। आदिवासी गांव गड़चिनचले में ग्रामीणों के एक समूह ने उनकी कार को रोका और उन पर पत्थर, लाठी और कुल्हाड़ियों से हमला किया। यह पूरी घटना वहां मौजूद कुछ पुलिसकर्मियों के सामने हुई। आरोपियों ने साधुओं के साथ उनके ड्राइवर और पुलिसकर्मियों पर भी हमला किया। हमले के बाद साधुओं को अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
यह घटना 16 अप्रैल की रात की है जब कांदिवली में एक आश्रम में रहने वाले दो साधु, 70 वर्षीय महंत कल्पवृक्ष गिरि और 35 वर्षीय सुशीलगिरी महाराज एक अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए गुजरात के सूरत जा रहे थे। सूरत जाने के लिए दोनों ने एक कार किराए से ली। यात्रा में कोई वाधा ना आए इसलिए उन्होंने मुंबई-गुजरात राजमार्ग न चुन गुजरात में प्रवेश करने के लिए पालघर जिले की पिछली सड़क का रास्ता अपनाया। तीनों को गड़चिनचले गांव के पास वन विभाग की एक टीम ने रोका। जब वे वन विभाग के अधिकारियों से बात कर रहे थे तभी गांव के लोगों ने उन पर हमला कर दिया।
पिछले कुछ दिनों से लगातार फैल रही अफवाहों के चलते ग्रामीणों ने एक स्थानीय सतर्कता समूह बनाया था। इलाके में अफवाह है कि रात के समय मानव अंगों की तस्करी, बच्चे अगवा करने वाले और डाकू काम करते हैं। इन अफवाहों के चलते आस-पास के इलाकों में हमले के दो और मामले सामने आए थे। पिछले बुधवार को, स्थानीय कार्यकर्ता डॉ विश्वास वलवी और उनकी टीम पर हमला किया गया था जब वे लॉकडाउन के दौरान आदिवासियों को प्रावधानों की आपूर्ति करने के लिए आदिवासी बहुल सारनी गांव गए थे। डॉक्टरों टीम को बचाने के लिए भेजी गई पुलिस टुकड़ी पर भी पथराव किया गया।
लिंचिंग के वायरल हो रहे वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि पुलिस के सामने भीड़ तीनों पर हमला कर रही है और पुलिस लाचार खड़ी है। एक अन्य विडियो में देखा जा सकता है कि एक अकेला पुलिसकर्मी साधू को पुलिस की वैन तक ले जा रहा है। जैसे ही वह पुलिस वैन के पास पहुंचते हैं पांच से छह लोग उनपर हमला कर देते हैं। वीडियो को आधार पर और जांच के बाद 101 लोगों को चिन्हित करके उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी और उन सभी को गिरफ्तार कर लिया गया। इसके अलावा पुलिस ने 9 नाबालिगों को भी गिरफ्तार किया है। सभी 101 लोगों को 12 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया है जबकि नाबालिगों को एक चाइल्ड होम में रखा गया है।