Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को लगभग तीन साल से ज्यादा का समय हो गया है। इसी बीच, जालंधर के गोबिंदगढ़ के रहने वाले हरमिंदर सिंह इस साल जून में टूरिस्ट वीजा पर रूस गए थे। उन्हें एक साल के अंदर कंस्ट्रक्शन वर्कर की नौकरी और परमानेंट रेजिडेंसी का वादा किया था।

इसके करीब चार महीने के बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर मदद की गुहार लगाई है और एक वीडियो पोस्ट किया है। वीडियो में उन्होंने कहा, “मुझे कंस्ट्रक्शन वर्क का वादा किया गया था, लेकिन यहां पहुंचने पर, उन्होंने मुझसे एक कॉन्ट्रैक्ट पर साइन करवा लिए और मुझे आर्मी में भर्ती कर लिया। अब, मैं युद्ध क्षेत्र में फंस गया हूं और मेरी जान को गंभीर खतरा है। मैं भारी गोलीबारी और ड्रोन से घिरा हुआ हूं। यहां पहले ही कई लोग घायल हो चुके हैं और स्थिति लगातार बदतर होती जा रही है।” वीडियो में वे आगे कहते हैं, “मैं भारत सरकार, भारतीय दूतावास और सभी से मेरी सुरक्षित घर वापसी में मदद करने की अपील करता हूं।”

अच्छी नौकरी का दिया प्रस्ताव

हरमिंदर की मुश्किलें उस वक्त शुरू हुई जब उन्हें कथित तौर पर कंस्ट्रक्शन वर्क के लिए एक नौकरी का प्रस्ताव दिया गया। उन्हें एक साल के अंदर रूस में परमानेंट रेजिडेंसी का भी वादा किया गया था। बेहतर भविष्य की चाहत में वह उस प्रस्ताव को मान गए। वह इस बात से बिल्कुल अनजान थे कि उनकी जिंदगी किस खतरनाक मोड़ पर पहुंचने वाली है।

रूसी आर्मी में भर्ती होने के लिए मजबूर किया- हरमिंदर

हरमिंदर के अनुसार, रूस पहुंचने पर उसे रूसी आर्मी में भर्ती होने के लिए मजबूर किया गया। अपने वीडियो में हरमिंदर ने आगे कहा, “स्थिति बहुत भयावह है। मैं ठीक से बात भी नहीं कर पा रहा हूं। इंटरनेट लगातार धीमा चल रहा है और मैं अपने परिवार या अधिकारियों से बात नहीं कर पा रहा हूं। हर दिन जीने की जंग जैसा लग रहा है। यहां मेरी जान को खतरा है और मुझे इस युद्ध क्षेत्र से तुरंत बाहर निकलना होगा।” हरमिंदर ने दर्द भरी आवाज में कहा, “मेरी मदद करें इससे पहले कि बहुत देर हो जाए।”

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हरमिंदर के भाई गुरमिंदर सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “मेरे भाई के एक दोस्त ने उसे बताया कि रूस में अब हालात सामान्य हैं और वहां हर तरह के काम के लिए जगह है। उसने बताया कि कंस्ट्रक्शन सेक्टर में काम उपलब्ध है। इसलिए मेरे भाई ने प्रस्ताव स्वीकार कर लिया और फिर उसे टूरिस्ट वीजा पर रूस ले जाया गया, जहां उसे बताया गया कि इस वीजा को आगे बढ़ा दिया जाएगा, इसे वर्क परमिट में बदल दिया जाएगा और उसे एक साल के अंदर स्थायी निवास मिल जाएगा।”

हरमिंदर के आसपास खतरनाक माहौल- भाई गुरमिंदर

उन्होंने आगे बताया कि वह अपने भाई से रोजाना संपर्क नहीं कर पाते क्योंकि वह दूरदराज के इलाके में रहते हैं। गुरमिंदर ने कहा, “जब भी वह मुझसे बात करते हैं, तो अपने आस-पास के खतरनाक माहौल के बारे में बताते हैं, जहां ऊपर से बड़ी संख्या में ड्रोन उड़ रहे हैं। ड्रोन हमलों और लगातार तोपखाने की गोलाबारी के खतरों ने इस क्षेत्र में सभी के जीवन को खतरे में डाल दिया है। इससे भी बदतर बात यह है कि कम्युनिकेशन नेटवर्क कथित तौर पर अविश्वसनीय हैं, जिससे हरमिंदर के लिए घर पर अपने परिवार या अधिकारियों से संपर्क करना भी मुश्किल हो रहा है।” उन्होंने आगे कहा कि उन्हें भारत सरकार पर पूरा भरोसा है।