शाम-ए-अवध का मिजाज कुछ जुदा है। नवाबों के इस शहर में नफासत और तहजीब इस कदर रची बसी है कि लखनऊ वासी इससे जरा भी समझौता करने का मिजाज नहीं बना पाये हैं। अपने अधिकारों और राजनीति के जानकार इस शहर ने संजीदा राजनेताओं को हमेशा तरजीह दी। सिनेमा और टेलीविजन पर मनोरंजन करने वाले अभिनेताओं को अवध की आवाम ने कभी अपनी नुमाइंदगी नहीं सौंपी। 1952 में हुए पहली लोकसभा के चुनाव से लेकर अब तक इस शहर से कोई अभिनेता राजनीति में प्रवेश पाने की अपनी हसरत को पूरा नहीं कर पाया है। लखनऊ के मिजाज के बारे में इस लिए यह बताना जरूरी है क्योंकि समाजवादी पार्टी इस बार पूनम सिन्हा को मैदान में उतारने जा रही है।

वाजपेयी बनाम राज बब्बर

समाजवादी पार्टी पूनम सिन्हा को टिकट देने के पूर्व भी बॉलीवुड के कलाकारों के भरोसे तीन मर्तबा इस शहर की नुमाइंदगी संसद में करने का ख्वाब देख चुकी है। उस वक्त समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव पर पार्टी से निकाले गए अमर सिंह और उनके बॉलीवुड में दखल का जनून हावी था। इसी की वजह से सपा ने वर्ष 1996 में पहली बार अटल बिहारी वाजपेयी के सामने राज बब्बर को लखनऊ के मैदान में उतारा। राजबब्बर को देखने के लिए जगह-जगह भीड़ जुटी। लगा अटल बिहारी वाजपेयी का चुनाव फंस गया है। लेकिन जब परिणाम सामने आए तो राज बब्बर को दो लाख 76 हजार 194 वोट मिले और अटल बिहारी बाजपेयी को तीन लाख 94 हजार 856।

वाजपेयी बनाम मुजफ्फर अली

अपने राज बब्बर के प्रयोग के विफल होने के बाद मुलायम सिंह यादव ने वर्ष 1998 के लोकसभा के चुनाव में फिल्म निर्देशक मुजफ्फर अली के कंधों पर चुनावी बंदूक रखकर वाजपेयी को चुनौती देने की कोशिश की। लेकिन इस बार भी उन्हें कामयाबी नहीं मिली। मुजफ्फर अली को दो लाख 15 हजार 417 और वाजपेयी को चार लाख 31 हजार 788 वोट मिले।

लालजी टंडन बनाम नफीसा अली

दो चुनावों में मिली करारी शिकस्त के बाद भी मुलायम सिंह यादव ने हार नहीं मानी। न ही उनका बॉलीवुड से प्रत्याशी बुलाने का मोह ही भंग हुआ। वर्ष 2009 के लोकसभा के चुनाव में अटल बिहारी बाजपेयी के स्थान पर मैदान में आए लालजी टंडन से मुलायम ने फिर सीट जीतने की रूपरेखा तैयार की। पहले संजय दत्त को मैदान में उतारा गया लेकिन कानूनी अड़चनों के कारण उनके स्थान पर नफीसा अली मैदान में उतरीं। उन्हें तकरीबन डेढ़ लाख वोटों के भारी अंतर से शिकस्त मिली।

राजनाथ बनाम पूनम सिन्हा

सत्रहवीं लोकसभा के चुनाव में समाजवादी पार्टी ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह के मुकाबले पूनम सिन्हा को लखनऊ से सियासी मैदान में उतारने की तैयारी है। 1968 में मिस यंग इंडिया के ताज से नवाजी गईं। पूनम सिन्हा सबक और जोधा अकबर फिल्मों में किरदार अदा कर चुकी हैं। लेकिन उनकी असल परीक्षा अब अवध में है। जहां के लोगों ने आज तक बॉलीवुड में किरदार अदा करने वालों को अपना रहनुमा नहीं चुना है।