दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव में निर्दलीय और पंथक सेवा दल बड़े दलों के लिए चुनौती बने हुए हैं। दिल्ली के सिखों में इन चुनावों को लेकर माहौल गरमा गया है। चुनाव में खड़े उम्मीदवार राजधानी में जगह-जगह अपने साथियों के साथ जुलूस निकाल रहे हैं। जो चुनाव पहले सिर्फ गुरुद्वारों तक सिमटा रहता था, उसका असर इस बार राजधानी के कोने-कोने में दिखाई दे रहा है।  इन चुनावों को लेकर उम्मीदवारों के खर्च की कोई सीमा तय नहीं है। लिहाजा कई उम्मीदवार वोटों के लिए मतदाताओं को लालच दे रहे हैं। विभिन्न दल अब एक-दूसरे पर सीधे भ्रष्टाचार के आरोप भी लगा रहे हैं। गुरुद्वारा कमेटी के चुनावों में कुल 335 उम्मीदवार अपना भाग्य आजमा रहे हैं। इनमें 46-46 उम्मीदवार अकाली दल बादल गुट के और अकाली दल सरना गुट ने खड़े किए हैं। आम आदमी पार्टी समर्थित पंथक सेवा दल ने इस चुनाव में 39 उम्मीदवार खड़े किए थे, जिनमें से एक उम्मीदवार बादल गुट के उम्मीदवार के समर्थन में बैठ गया है।

सरना गुट और मंजीत सिंह जीके गुट जानते थे कि उनके प्रतिद्वंद्वी उन पर राजनीतिक दलों का समर्थन लेने का आरोप लगाएंगे। लिहाजा इस बार इन दोनों दलों ने अपने समर्थन में किसी भी राजनेता को नहीं उतारा है। पिछले कमेटी चुनाव में अकाली दल के उम्मीदवारों के समर्थन में पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल की जगह-जगह सभाएं हुई थीं, लेकिन इस बार के चुनाव में पंजाब के अकाली दल बादल गुट के नेताओं ने यहां के चुनावों से पल्ला झाड़ लिया है। इसी वजह से बादल गुट के उम्मीदवारों ने अपनी प्रचार सामग्री से प्रकाश सिंह बादल और सुखबीर बादल की फोटो भी हटवा दी है।

परमजीत सिंह सरना गुट, जिसका दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी पर बरसों तक कब्जा रहा है, वह इस बार भी हर कदम सोच-समझकर रख रहा है। इस गुट पर कांग्रेस समर्थक होने के आरोप लगते रहे हैं। हालांकि सरना गुट लगातार इन आरोपों का खंडन करता रहा है। सरना गुट इस बार मतदाताओं से ज्यादा से ज्यादा वादे और आश्वासन कर रहा है। चुनावों से पहले सरना गुट लगातार जीके गुट पर आरोप लगाता रहा है। इस बार के चुनाव में पंथक सेवा दल के चुनावी मैदान में उतरने से सरना गुट को लग रहा है कि अगर वे जीके गुट पर ही आरोप लगाता रहा तो पंथक सेवा दल हावी हो जाएगा। वहीं पंथक सेवा दल अपने आपको निष्पक्ष बता रहा है।

उसका कहना है कि उसके गुट का आम आदमी पार्टी से कोई सरोकार नहीं है, लेकिन इस गुट में आम आदमी पार्टी से जुड़े लोग देखे जा सकते हैं। पंथक सेवा दल से जुड़े उम्मीदवारों का प्रचार का तरीका आम आदमी पार्टी से मिलता-जुलता है। गुरुद्वारा कमेटी के चुनाव में इस बार 184 निर्दलीय मैदान में हैं। सभी उम्मीदवार मतदाताओं से राजनेताओं से दूर रहने की अपील कर रहे हैं। वे यह प्रचार भी कर रहे हैं कि मतदाताओं को इस चुनाव में उन लोगों को सबक सिखाना चाहिए, जो गुरुद्वारों का इस्तेमाल अपने राजनीतिक फायदे के लिए करते हैं।