बसपा, राकांपा व भाकपा को मिली एक बड़ी राहत में चुनाव आयोग ने सोमवार को अपने नियमों में संशोधन किया जिसके तहत वह राजनीतिक दलों के राष्ट्रीय, राज्य स्तरीय दर्जे की प्रत्येक दस वर्ष पर समीक्षा करेगा, जबकि अभी इसकी अवधि पांच वर्ष है। बसपा, भाकपा और राकांपा पर उनके राष्ट्रीय दल का दर्जा खत्म होने की तलवार लटक रही थी क्योंकि 2014 लोकसभा चुनाव में उनका निराशाजनक प्रदर्शन रहा था। चुनाव आयोग ने उन्हें इस मुद्दे पर 2014 में नोटिस दिया था।
आयोग ने एक अधिसूचना में कहा कि राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय पार्टी की मान्यता के लिए अर्हताएं अपरिवर्तित रहेंगी जबकि दर्जे की समीक्षा एक के बजाय लगातार दो लोकसभा या विधानसभा चुनावों की जाएगी। इसका अर्थ यह है कि समीक्षा प्रत्येक दस साल बाद की जाएगी। आयोग ने इसके लिए चुनाव चिन्ह (आरक्षण और आबंटन) आदेश 1968 के पैराग्राफ 6सी में बदलाव किया है। पिछला संशोधन 2011 में हुआ था।
इस बदलाव से यह सुनिश्चित होगा कि सत्ता विरोधी कारकों के कारण चुनाव हार जाने के पश्चात सत्तारूढ़ दल का दर्जा नहीं बदला जाए। फिलहाल, भाजपा, कांग्रेस, बसपा, राकांपा, भाकपा और माकपा मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल हैं। इसके अलावा भारत में 64 मान्यता प्राप्त राज्य पार्टियां हैं।