दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी एक बार फिर से मुश्किल में है। चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी को नोटिस भेजकर पूछा है कि उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए? आयोग ने ‘आप’ को 20 दिन के भीतर अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। आयोग ने आम आदमी पार्टी को ये कारण बताओ नोटिस आयकर विभाग की रिपोर्ट के बाद भेजा है।
आयकर विभाग ने आम आदमी पार्टी को मिले चंदों की रिपोर्ट चुनाव आयोग को भेजी थी। जिसमें कथित तौर पर वित्तीय अनियमितता पाई गई। आयकर द्वारा चुनाव आयोग को भेजी गई रिपोर्ट में आम आदमी पार्टी पर मुख्य रूप से तीन आरोप लगाए गए हैं।
Election Commission issues a notice to Aam Aadmi Party asking them to explain donation discrepancies filed by the party during financial yr 2014-15. The Commission asks them to show cause as to why action shouldn’t be taken against them for failure to follow its lawful directions pic.twitter.com/Fj3rLjZxJJ
— ANI (@ANI) September 11, 2018
1. आयकर विभाग के मुताबिक, आम आदमी पार्टी के बैंक खाते में 67.67 करोड़ रुपये जमा किए गए। जबकि पार्टी ने चुनाव आयोग को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में बताया कि उसके खाते में सिर्फ 54.15 करोड़ रुपये हैं। यानी 13.16 करोड़ रुपए का हिसाब नहीं मिल सका। ये रकम अज्ञात सोर्स से आई हुई मानी गई है।
2. रिपोर्ट में आम आदमी पार्टी पर हवाला से पैसे लेने का भी आरोप लगाया गया है। रिपोर्ट में लिखा है कि आम आदमी पार्टी ने 2 करोड़ रुपये की रकम हवाला के जरिए लेकर इन्हें चंदे में आया धन बता दिया।
3. रिपोर्ट में कहा गया है कि आम आदमी पार्टी द्वारा अपनी वेबसाइट पर और चुनाव आयोग को चंदे की जानकारी दी थी। इन दोनों ही जानकारियों में अंतर है। रिपोेर्ट में यह भी जिक्र है कि सवाल उठाने के बाद आम आदमी पार्टी ने अपने खातों की जानकारी बदल दी।
सनद रहे कि ‘आप’ को पिछले साल आयकर विभाग ने नोटिस भेजा था। ये नोटिस साल 2014-15 में पार्टी द्वारा लिए गए चंदे के संबंध में भेजा गया था। इस नोटिस में अप्रैल-2014 को लिए गए 2 करोड़ रुपये के चंदे का भी जिक्र है। इसी चंदे पर काफी लंबे वक्त से विवाद चला आ रहा था। वहीं 31 मई 2018 को एडीआर (एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स) की रिपोर्ट में राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे के ज्ञात और अज्ञात सोर्स के बारे में बताया गया था। रिपोर्ट में बताया गया कि देश की 7 राष्ट्रीय पार्टियों को साल 2016-17 में अज्ञात सोर्स से 710.80 करोड़ रुपये का चंदा मिला था। जबकि अन्य सभी पार्टियों के द्वारा घोषित किया गया कुल चंदा 589.38 करोड़ रुपये था।