प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार को झारखंड में 17 जगहों पर एक साथ छापेमारी की। ईडी की ये छापेमारी सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सहयोगी और साहिबगंज निर्वाचन क्षेत्र के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा से संबंधित थी। सूत्रों ने बताया कि मिश्रा के खिलाफ मनी लाॉन्ड्रिंग का नया मामला दर्ज हुआ है जिसके लिए ईडी ये छापेमारी कर रही है। ये छापेमारी झारखंड के साहिबगंज, बरहेट और राजमहल इलाकों में की जा रही है। ईडी के एक अधिकारी ने बताया, “ईडी का मामला मिश्रा के खिलाफ झारखंड पुलिस द्वारा दर्ज FIR पर आधारित है जिसमें अभी जांच जारी है।”

सूत्रों ने बताया कि यह एक अलग मामला था और ईडी ने राज्य के खनन सचिव पूजा सिंघल के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में भी छापेमारी की थी। सूत्रों के मुताबिक ताजा मामला साहिबगंज के बधारवा पुलिस स्टेशन में एक टोल टैक्स ठेकेदार की जून 2020 में की गई शिकायत से शुरू हुआ है। इस शिकायत में मिश्रा और सोरेन सरकार में एक मंत्री के निर्देश पर झड़प और कथित हमले का जिक्र भी है।

इस साल की शुरुआत में भी ED ने की थी छापेमारी
इस ठेकेदार ने आरोप लगाया कि यह झड़प बधारवा नगर पंचायत में प्रवेश करने वाले वाहनों से टोल टैक्स के लिए एक विवाद की वजह से की गई थी। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि मंत्री का भाई भी टेंडर के लिए कंप्टीशन में था और उसने एक फर्जी कंपनी के लिए ठेका हासिल करने के लिए ज्यादा बोली लगाकर टेंडर प्रक्रिया को डिस्टर्ब करने की कोशिश की थी। आपको बता दें कि इस साल की शुरुआत में ईडी ने झारखंड सहित अन्य जगहों पर 18 स्थानों पर छापेमारी की थी। जो राज्य में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के फंड के डायवर्जन में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूजा सिंघल से जुड़े थे। बाद में एजेंसी ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

हेमंत सोरेन कर रहे हैं भ्रष्टाचार मामले का सामना
शुक्रवार का घटनाक्रम ऐसे समय में आया है जब सोरेन खुद एक खनन पट्टा और अपनी पत्नी को जमीन का एक भूखंड आवंटित करने के लिए भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं। भारत निर्वाचन आयोग (ECI) पहले ही खनन पट्टे के मामले में सोरेन के भाई और राज्य के विधायक बसंत सोरेन को नोटिस जारी कर चुका है। बसंत दुमका से विधायक हैं। इससे पहले चुनाव आयोग इस बात की भी जांच कर रहा है कि क्या बसंत के मामले में विधायक के रूप में उनकी अयोग्यता हो सकती है? चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री को नोटिस भेजकर उनके खिलाफ आरोपों पर उनका जवाब मांगा था। आरोप पहले राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता रघुबर दास द्वारा एक संवाददाता सम्मेलन में लगाए गए थे, जिन्होंने मिश्रा के कुछ संदिग्ध सौदों में शामिल होने का भी संकेत दिया था।

ED ने सिंघल के यहां छापेमारी में आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए थे
ईडी के मुताबिक सिंघल पर छापेमारी के दौरान उनकी संपत्तियों के संबंध में आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए हैं। सिंघल के खिलाफ ईडी ने झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल और पंजाब में छापेमारी की थी। सिंघल के यहां छापेमारी में मिले आपत्तिजनक दस्तावेजो में से रांची का एक मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल भी शामिल है। एजेंसी ने रांची के एक चार्टर्ड अकाउंटेंट के घर से 18 करोड़ रुपये नकद भी बरामद किए थे। ईडी सूत्रों ने कहा कि चार्टर्ड अकाउंटेंट सिंघल से जुड़ा था।

सिंघल के खिलाफ साल 2017 में दर्ज हुई थी FIR
सिंघल के खिलाफ ईडी का मामला झारखंड सरकार के कनिष्ठ अभियंता राम बिनोद प्रसाद सिन्हा के खिलाफ रांची की एंटी करप्शन ब्यूरो की दर्ज की गई 2017 की एफआईआर पर आधारित है। इसमें कथित तौर पर 18.06 करोड़ रुपये के सार्वजनिक धन के गबन और इसे अपने नाम पर निवेश करने का आरोप है। साथ ही अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर जब वह सेवा में थीं। यह गबन 2008 और 2011 के बीच हुआ बताया जाता है।