प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को कहा कि धनशोधन के एक मामले में बिहार के एक ‘खूंखार’ गैंगस्टर की 10 करोड़ रुपए मूल्य की संपत्तियां कुर्क की गई हैं। केंद्रीय जांच एजंसी ने कहा कि समस्तीपुर में बिथान के मौजूदा मुखिया अशोक यादव की संपत्तियों को कुर्क करने के लिए धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक अंतरिम आदेश जारी किया है। एजंसी ने एक बयान में कहा कि बिहार पुलिस ने हत्या, हत्या के प्रयास, उगाही और अवैध हथियारों व विस्फोटकों के लेन-देन के आरोपों में यादव के खिलाफ 26 प्राथमिकियां दर्ज की थीं और इनके आधार पर उसके खिलाफ पीएमएलए के तहत एक मामला दायर किया गया। हाल के आदेश के तहत ईडी ने बिहार की राजधानी पटना में एक घर, 25 भूखंड और चार लाख रुपए की बैंक राशि कुर्क की है।

बयान में कहा गया है, ‘कुर्क की गई संपत्तियों का कुल मूल्य लगभग 75 लाख रुपए है। यह अधिग्रहण की तिथि पर लिया गया मूल्य है। इन संपत्तियों का बाजार मूल्य 10 करोड़ रुपए से अधिक है। एजंसी ने कहा कि उसकी जांच में पाया गया कि ‘यादव ने अपने नाम और अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर काफी संपत्तियां इकट्ठा की, जो उसके द्वारा किए गए आपराधिक कृत्यों से अर्जित की गई। राज्य में इसी तरह की एक कार्रवाई के तहत एजंसी ने मुजफ्फरपुर में सिंचाई विभाग के एक पूर्व मुख्य इंजीनियर अवधेश प्रसाद सिंह की 15 करोड़ रुपए (बाजार मूल्य) की संपत्तियां कुर्क की।

बयान में कहा गया है कि इन संपत्तियों का ‘अधिग्रहण मूल्य’ 1.67 करोड़ रुपए है। इसमें कहा गया है कि आदेश के तहत पटना में दो मंजिला एक बंगला और दो भूखंड, बंगलुरु में दो भूखंड, समस्तीपुर में पांच भूखंड और 52.5 लाख रुपये की नकदी और आभूषणों को कुर्क किया गया। ईडी ने बिहार विशेष सतर्कता इकाई (एसवीयू) की एक शिकायत के आधार पर सिंह के खिलाफ पीएमएलए के तहत एक मामला दर्ज किया था। एजंसी ने कहा कि सिंह ने एक जनवरी,1980 से 21 दिसंबर, 2007 की अवधि के दौरान विभिन्न पदों पर तैनात रहते हुए अपने नाम और अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर ‘बहुत अधिक संपत्तियां इकट्ठा की।’ ईडी ने कहा कि सिंह ने बंगलुरु में अपने बेटे के नाम पर कथित रूप से कुछ अचल संपत्तियां भी हासिल की।