अगर आप तेलंगाना जा रहे हैं तो वारंगल के हनमकोंडा स्थित लिंगला केदारी फूड कोर्ट जरूर जाएं। दरअसल केदारी फूड कोर्ट अलग तरह का होटल होने की वजह से सुर्खियों में है। यहां महज 60 रुपए में भर पेट खाना परोसा जाता है, लेकिन होटल की खासियत यह नहीं है। दरसअल इस होटल के मालिक खाना बर्बादी के सख्त खिलाफ हैं। ऐसे में उन्होंने प्लेट में खाना छोड़ने वालों को दंड देने का अनोखा नियम बनाया है।

प्लेट में खाना छोड़ने पर जेल : हनमकोंडा के 52 वर्षीय लिंगला केदारी ने अपनी पत्नी के साथ मिलकर इस अनोखे होटल की शुरुआत की। केदारी ने होटल में खाना पूरी तरह खत्म करके ही प्लेट फेंकने का नियम बनाया। यह नियम यूरोप के कई देशों में पहले से है। हालांकि, केदारी कभी यूरोप नहीं गए। यह पहल उनकी खुद की सोच का नतीजा है। बता दें कि इस होटल में रोजाना 800 लोगों के लिए खाना बनाया जाता है और प्लेट में थोड़ा-सा भी खाना बचने पर दंड के रूप में 50 रुपए का जुर्माना लगता है। वहीं, फाइन न देने वालों को होटल में बनी जेल में जाना पड़ता है। केदारी के मुताबिक, किसी भी व्यक्ति को तब तक जेल में रहना पड़ता है, जब तक जुर्माना जमा न हो जाए। दोपहर का खाना रोजाना एक से तीन बजे तक परोसा जाता है। यहां खाना बर्बाद नहीं करने वालों को 10 रुपए का फ्री टोकन भी दिया जाता है, जो अगला ऑर्डर देते वक्त कैश कराया जा सकता है।

इस वजह से बनाया नियम : केदार बताते हैं कि देश में करोड़ों लोग अब भी खाली पेट सोते हैं। ऐसे में खाना बर्बाद करना अपराध है। उन्होंने बताया कि खाना बर्बाद करने वाले अब तक 300 लोगों पर वह जुर्माना लगा चुके हैं और उनके फोटो खींच चुके हैं। जुर्माना भरने वाले ग्राहकों में कोर्ट के जज और कई सरकारी अधिकारी भी शामिल हैं। 90 के दशक में केदार फुटपाथ पर मिट्टी के बर्तन बनाते थे। प्रशासन ने जब फुटपाथ खाली करा लिया तो वह ठेले पर खाने का सामान बेचने लगे। इसके बाद वह अपनी पत्नी के साथ मिलकर फूड कोर्ट चलाने लगे।

ग्राहकों की राय : केदार के होटल में काफी ग्राहक आते हैं। कुछ लोग उनकी इस सोच की तारीफ करते हैं तो कई नाराज भी हो जाते हैं। एक रेगुलर ग्राहक ने उनकी इस पहल की काफी सराहना की। उन्होंने बताया कि महज 60 रुपए में पेट भर खाना देना अच्छी बात है। साथ ही, खाना बर्बाद करने पर जुर्माना लेना भी काफी अच्छी पहल है।