हिमाचल प्रदेश के मंडी से 27 किलोमीटर उत्तर पश्चिम पद्धर के पास बुधवार की रात भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (National Center for Seismology) के मुताबिक शुरुआती जानकारी में अभी किसी जानमाल के नुकसान की खबर सामने नहीं आई है। 16 नवंबर की रात करीब 9.32 बजे आए भूकंप की तीव्रता 4.1 मापी गई। भूकंप का केंद्र मंडी से 27 किलोमीटर उत्तर पश्चिम में जमीन से 5 किलोमीटर की गहराई में था।
भूकंप के झटके पंजाब तक महसूस किये गये। कुल्लू, भुंतर और मनाली में भी भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए। रात 9 बजकर 32 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए, जो तीन से पांच सेकंड तक रहा। कई लोग दहशत में अपने घरों से बाहर निकलकर खुली जगहों की ओर भागे। हालांकि, भूकंप से किसी तरह के नुकसान की सूचना नहीं है। डीसी मंडी अरिंदम चौधरी ने कहा की कहीं से भी नुकसान की सूचना नहीं है।
बीते कुछ दिनों में देश के कई शहरों में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। यूपी, उत्तराखंड, दिल्ली-एनसीआर और मध्य प्रदेश में इस महीने धरती हिली। दिल्ली-एनसीआर में शनिवार, 12 नवंबर को भूकंप आया था। उत्तराखंड में भी इसके झटके महसूस किए गए। शनिवार को प्रदेश में दो बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। इससे पहले बुधवार, 9 नवंबर को भी झटके महसूस किए गए थे। नेपाल में 6.3 की तीव्रता वाले भूकंप के बाद बुधवार (9 नवंबर) को तड़के दो बजे लखनऊ और मध्य उत्तर प्रदेश के अन्य हिस्सों में तेज झटके महसूस किए गए थे, जिससे कई लोग अपने घरों से बाहर निकल गए थे।
भूकंपीय जोन चार और पांच में आता है हिमाचल
साल 1905 में कांगड़ा में 20वीं सदी का सबसे बड़ा भूकंप आया था। उस भूकंप में 20 हजार से ज्यादा लोगों की जान गई थी और एक लाख से अधिक घर ढह गए थे। हिमाचल भूकंप की दृष्टि से ज़ोन-4 और 5 में आता है। साल 1975 में जिला किन्नौर में भी भूकंप आया था। जानकार मानते हैं कि अगर हिमाचल में पांच से अधिक तीव्रता वाला भूकंप आ जाए, तो काफी नुकसान हो सकता है।