उत्‍तराखंड में रविवार की सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। इस दौरान लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। भूकंप के झटके देहरादून, मसूरी से लेकर उत्‍तरकाशी तक महसूस किए गए। बता दें कि रविवार सुबह टिहरी जिले में तेज भूकंप के झटके महसूस किए गए। वहीं मीडिया रिपोर्ट के अनुसार डीएम अभिषेक रुहेला ने आपदा प्रबंधन परिचालन केंद्र से सभी तहसीलों से जानमाल के नुकसान की सूचना लेने के निर्देश दिये हैं। हालांकि अभी तक कहीं से जान माल की सूचना प्राप्त नहीं हुई है।

नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक उत्तराखंड के भूकंप का केंद्र उत्तरकाशी से 17 किमी दूर और 5 किलोमीटर गहराई में था। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.5 मापी गई। उत्तरकाशी और टिहरी जिलों में आज सुबह 8 बजकर 33 मिनट 3 सेकंट बजे भूकंप आया था।

बता दें कि उत्तरकाशी में कई बार भूकंप आ चुका है। इसी वर्ष जुलाई में भी एक के बाद एक तीन भूकंप के झटके उत्तरकाशी में महसूस किए गए थे। 20 अक्टूबर 1991 को भी यहां भूकंप आया था, जिसमें 800 से अधिक लोग मारे गए थे और हजारों लोग इससे प्रभावित हुए थे।

कुछ दिन पहले मध्य प्रदेश के जबलपुर में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। बीते मंगलवार को सुबह 8 बजकर 45 मिनट पर जबलपुर में भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.5 मापी गई और उसका केंद्र जबलपुर से 35 किलोमीटर दूर था।

बता दें कि भूकंप के लिहाज से देश के 38 संवेदनशील स्थानों में जबलपुर आता है। जबलपुर को भूकंप के जोन 3 में रखा गया है और यहां हमेशा 6 से 7 रिक्टर स्केल की तीव्रता के भूकंप के आने का अंदेशा बना रहता है। इसी वजह से जबलपुर को डिजास्टर मैनेजमेंट की सूची में देश के 38 अतिसंवेदनशील शहरों में रखा गया है।

इंडोनेशिया में भूकंप

रविवार को इंडोनेशिया में उत्तरी प्रांत सुलावेसी में भी 6.1 तीव्रता का भूकंप आया। हालांकि सुनामी का भी अलर्ट था लेकिन सुनामी नहीं आई। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने बताया कि भूकंप सुबह 7:03 बजे (जकार्ता समय) आया, जिसका केंद्र केपुलुआन सीतारो जिले से 69 किमी दक्षिण-पश्चिम में और समुद्र तल के नीचे 255 किमी की गहराई पर था।