मध्य प्रदेश में एक लड़की का आधार कार्ड बनाने से सिर्फ इसलिए इनकार कर दिया गया क्योंकि वो चर्म रोग से पीड़ित है। छतरपुर जिले के नौगांव नगर के वार्ड नंबर 19 के हल्लू कॉलोनी की रहने वाली 16 वर्षीय शालिनी यादव बचपन से ही चर्म रोग की गंभीर बीमारी से ग्रसित है। बीमारी की वजह से उसके पूरे शरीर से चमड़ी की परतें निकलतीं हैं। स्किन के सेल्स जब डेड होकर निकलते हैं तो उस समय बहुत दर्द होता है। शालिनी सोलह सालों से इस दर्द को झेलने के लिए मजबूर है। निराश शालिनी कहती है कि वो कुदरत के इस दर्द को तो झेल लेती है लेकिन समाज के ताने और दिए दर्द को नहीं झेल पा रही है। शालिनी कहती है कि ऐसी जिंदगी जीने से बेहतर मौत है।
शालिनी की मां देवकुंवर यादव आंगनबाड़ी सहायिका है। उनके पति बेरोजगार हैं इसलिए बमुश्किल परिवार का पेट भरती है। बेटी की बीमारी के बारे में कहती हैं कि उन्होंने अपनी हैसियत के मुताबिक इलाज कराने की कोशिश की लेकिन मर्ज दिनोदिन बढ़ता गया। उनके मुताबिक डॉक्टरों ने बीमारी ठीक होने का आश्वासन दिया मगर ठीक नहीं हुई। उनके दो और बच्चे हैं जो बिल्कुल स्वस्थ हैं। बतैर देवकुंवर पिछले 15 सालों से शासन-प्रशासन से आस लगाए थी लेकिन अब निराश हूं। हालांकि, अभी तक आधार कार्ड अनिवार्य नहीं है लेकिन कई सेवाओं के लिए यह जरूरी जैसा ही है।
शालिनी के मामा अखिलेश, कैलाश और 64 वर्षीय नानी भुमानी देवी की माने तो शालिनी बिल्कुल अकेली और निरीह प्राणी की तरह एक जगह बैठी रहती है। कोई भी बच्चा इसके पास नहीं फटकता। कोई भी इसके साथ खेलना नहीं चाहता। पहले स्कूल जाती थी तो वहां बच्चे डरते थे तो टीचर ने स्कूल आने से मना कर दिया। वो कक्षा ४ तक ही पढ़ सकी है। हालांकि आज भी वो किताबें लेकर खुद पढ़ा करती है। बढती उम्र और बीमारी के साथ शालिनी के शरीर की हड्डियां टेढ़ी हो चलीं हैं। ठण्ड में त्वचा सूखने और फटने से दर्द बढ़ जाता है जबकि गर्मियों में पसीना आने पर जलन होती है।
डॉक्टरों की मानें तो यह स्क्लोरोसिस नाम की बीमारी है जो दुनिया भर के 10 लाख लोगों को है। इस बीमारी का अब तक कोई स्थाई इलाज संभव नहीं निकला जा सका है। इसमें त्वचा के बाहर के सेल्स मरते रहते हैं और शरीर छोड़ देते हैं। राज्य सरकार गंभीर रोग से ग्रसित लोगों की मदद तो करती है लेकिन शालिनी को कोई मदद नहीं मिल सका है। जब इस मामले में छतरपुर के कलेक्टर रमेश भंडारी से बात की गई तो उन्होंने पीड़ित को हर संभव मदद देने की बात कही है।
