अयोध्या में हो रही मोरारी बापू की कथा में उनकी अपील पर सेक्स वर्करों के परिवार के उत्थान व उद्धार के लिए दानवीरों ने खुलकर दान दिया। देश भर से आए दान से छह करोड़ रुपए से ज्यादा इकट्ठा हो गया। यह केवल सात रोज में धन जुटा है। आठवें दिन से उन्होंने दान लेना मना कर दिया। जुटी रकम का आंकड़ा बाकयदा मंच से ऐलान किया गया। इन रुपयों से इनकी बेटियों की शिक्षा और शादियां कराई जाएगी। इन्हें भी आर्थिक मदद देकर रोजगार की तरफ मोड़ा जाएगा। ऐसी रचनात्मक व सकारात्मक पहल समाज को करनी चाहिए। अबकी उनकी कथा का प्रसंग भी राम चरित मानस- गणिका ही है। ये हरेक रोज तुलसीदास रचित रामायण के श्लोक का जिक्र भी करते है।

उन्होंने कहा कि जिन्हें अपना पेट भरने के लिए अपना बदन और अस्मिता बेचनी पड़े। उनकी हालत पर गौर करने की जरूरत है। अयोध्या के रामघाट परिक्रमा मार्ग के भक्तमाल की बगिया मैदान में उनकी कथा चल रही है। आज शनिवार 29 दिसंबर को आठवां दिन है। इतवार 30 तारीख को अंतिम दिन है। उन्होंने कहा कि आज के दौर में भी समाज इनकी उपेक्षा करे। यह ठीक नहीं है। यह शर्म की बात है। समाज को शर्म आनी चाहिए। गणिकाओं के और इनके बच्चों को समाज की मुख्यधारा में जीने का अधिकार मिले। उनकी बेटी- बेटों की शादी सभ्य समाज में हो । इसके लिए समाज को आगे आने की जरूरत है।

वे बोले कि बड़े घरानों की शादियों में क्या होता है। एक तरफ मंत्रोचारण और दूसरी तरफ कीमती सभी ब्रांड की शराब परोसी जाती है। सोचिए क्या हो रहा है। किस स्तर पर समाज जा रहा है। इन सब प्रसंगों और जुटे धन की राशि देख कथा का विरोध करने वालों का मुंह बंद सा हो गया है। कुछ रोज पहले ही इसी मैदान में उद्धव ठाकरे के धर्म संसद की वजह से आई उत्तेजना पर मोरारी बापू की कथा ने बर्फ जमा दी। हालांकि गणिकाओं पर कथा में उठाए प्रसंग पर इन्हें विरोध का सामना भी करना पड़ा है। मगर बड़ी शांति व धैर्य के साथ माहौल को अपनी तरफ मोड़ लिया।जिसका सबूत श्रोताओं की उमड़ी भीड़ है। उनकी कथा सुनने मुंबई से सैकड़ों सेक्स वर्कर आई है। साथ ही हजारों की तायदाद में देश के विभिन्न हिस्सों से इनके अनुयायी पहुंचे है।

उन्होंने बेबाक तरीके से कहा कि राम का जीवन भी समाज सुधार से ही जुड़ा है। गणिका भी इसी समाज का अंश है। मुंबई के कमाठीपुरा से आई सेक्स वर्कर कथा सुनकर अपने को धन्य मान रही है। मोरारी बापू कथा में भाग लेने के वास्ते इन्हें न्यौता देने खुद वहां गए थे। अयोध्या आकर कथा सुनने वालों का एक मकसद यह भी है कि सरयू नदी में स्नान कर अपने को पवित्र महसूस करे और रामलला, हनुमानगढ़ी, कनक महल बगैरह ऐतिहासिक व धार्मिक मंदिरों के दर्शन करें। यह संबाददाता भी भागलपुर से चलकर बीते दो रोज पहले इसी उद्देश्य से आया है। उनकी कथा सुबह 10 बजे से दोपहर डेढ़ बजे तक एक पाली में ही होती है। बाकी समय श्रोताओं का दर्शन में गुजर रहा है।