मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में एक गरीब परिवार की महिला डिलीवरी के लिए सरकारी अस्पताल गई तो उसे निजी अस्पताल भेज दिया गया। वहां दो बार पैसे के लिए दौड़ाने के बाद पांच हजार रुपये जमा कराए गये, इसके बाद ही उसको भर्ती किया गया। अल्ट्रासाउंड में पता चला कि बच्चे की गर्भ में ही मौत हो गई है। फिर उसे जिला अस्पताल भेज दिया गया, जहां मृत बच्चे का जन्म हुआ। पिता ने महिला की गंभीर हालत देख एंबुलेंस की मांग की तो मना कर दिया गया।
मजबूरन वह अपने बच्चे के शव को मोटरसाइकिल की डिक्की में रखकर जिला पत्नी को लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचा और अपनी फरियाद की। कलेक्ट्रेट में उन्होंने अपने मृत बच्चे को मोटरसाइकिल की डिक्की से निकालकर दिखाया भी, इससे वहां के लोगों में सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था के प्रति काफी नाराजगी रही। इसी हाल में बच्चे को डिक्की में ही रखकर परिजन गांव गये।
बच्चे के मां का नाम मीना भारती और पिता का नाम दिनेश भारती है। कलेक्टर ने एसडीएम को मामले की तुरंत जांच करने के निर्देश दिए। उन्होंने परिजनों को आश्वासन दिया कि अगर सभी तथ्य सही पाए गए तो आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सिंगरौली जिला यूपी के सोनभद्र जिले के पास पड़ता है। इससे सोनभद्र के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले काफी लोग स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए सिंगरौली जाया करते हैं। सिंगरौली जिले के जिला अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही से गरीब परिवार को न तो समय पर इलाज मिल पाया और न ही मृत बच्चे को ले जाने के लिए जरूरी सुविधा ही मुहैया कराई गई। इसके चलते पीड़ित परिवार अपनी किस्मत को कोसते हुए व्यवस्था की मार से जूझने को विवश हैं।