एनएमसी (नेशनल मेडिकल कमिशन बिल) के खिलाफ डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन जारी है। डॉक्टरों की हड़ताल के चलते स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से ठप हैं। ऐसे में मरीजों का इलाज नहीं किया जा रहा है। इसी संबंध में चंडीगढ़ के पीजीआई के आईसीयू में भर्ती किडनी ट्रांसप्लांट के एक मरीज की शनिवार सुबह मौत हो गई। इसके बाद तो जैसे अस्पताल में मरीजों की मौत का तांता ही लग गया। शनिवार रात पर मरने वालों की संख्या बढ़कर 34 हो गई। मरने वालों में 4 एक्सिडेंट के केस थे और बाकी 29 केस बीमारियों से ग्रस्त मरीजों के थे। जानकारी के मुताबिक सामान्य परिस्थितियों में यह आंकड़ा 10 से 12 के बीच रहता है।

आंदोलन तेज करने की धमकीः वहीं डॉक्टरों द्वारा एनएमसी बिल के विरोध में अपना आंदोलन और तेज करने की धमकी दी गई है। पीजीआई के पैरामेडिकल स्टाफ ने बताया कि ट्रॉमा, इमरजेंसी के मरीजों का इलाज सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों की देखरेख में होता है लेकिन इस समय हड़ताल के चलते कोई रेजिडेंट डॉक्टर मरीजों का इलाज नहीं कर रहे हैं। इसी वजह से मरीजों की मौत की संख्या बढ़ती जा रही है।

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नहीं हुआ मरीजों का रजिस्ट्रेशनः बता दें डॉक्टरों के विरोध प्रदर्शन के चलते शनिवार को ओपीडी की सेवाएं बंद रहीं। किसी भी नए मरीज का रजिस्ट्रेशन नहीं किया गया। जानकारी के मुताबिक अमूमन तौर पर पीजीआई में रोजाना आठ से दस हजार मरीजों का इलाज किया जाता है। चंडीगढ़ के अलावा देश भर से लोग यहां इलाज करवाने के लिए आते हैं। इस पूरे मामले पर चंडीगढ़ पीजीआई के निदेशक ने कहा कि पीजीआई सिर्फ चंडीगढ़ ही नहीं हरियाणा और पंजाब का भी मुख्य रेफल सेंटर है। यहां अति गंभीर मरीज रेफर किए जाते हैं। ऐसी स्थिति में यहां मरीजों की मौत के मामले में हड़ताल और सामान्य दिनों की स्थिति की तुलना किया जाना उचित नहीं होगा।