आंध्र प्रदेश के एक अस्पताल में भीषण आग लगने से बड़ा हादसा हो गया, जिसमें एक डॉक्टर और उनके 2 बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई। यह घटना तिरुपति जिले के रेनीगुंटा इलाके की है। बताया जा रहा है कि इस अस्पताल के ऊपर एक डुपलेक्स मकान था, जिसमें डॉक्टर का परिवार भी रहता था। बच्चों के अंदर कार्बन मोनो ऑक्साइड गैस काफी ज्यादा मात्रा में जा चुकी थी, जिस कारण उन दोनों को बचाया नहीं जा सका। जबकि कहा जा रहा है कि डॉक्टर रविशंकर रेड्डी की मौत आग में झुलसने से हुई है।

प्राथमिक जांच के आधार पर दमकल कर्मियों ने बताया कि शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगने की आशंका जताई जा रही है। आग लगने के समय कार्तिकेय अस्पताल की इमारत में रहने वाले डॉक्टर रविशंकर रेड्डी का परिवार सो रहा था। डॉ रेड्डी दूसरी मंजिल पर थे और वह सीढ़ियों के जरिए घर के अंदर गए।

घटनास्थल पर पहुंचे अग्निशमन बचाव कर्मियों ने बच्चों को दरवाजे तोड़कर बचाया और उन्हें सीढ़ी के माध्यम से नीचे लाया गया। इसके बाद बच्चों को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका क्योंकि उनके अंदर बहुत अधिक मात्रा में जहरीली कार्बन मोनोऑक्साइड गैस जा चुकी थी। इनमें एक लड़का और एक लड़की थे, जिनकी उम्र 14 साल और 9 साल बताई जा रही है।

एक अग्निशमन अधिकारी ने कहा, “वहां बहुत सारे फर्नीचर और घरेलू उपकरण थे। वहीं, धुएं से बचने के लिए पर्याप्त दरवाजे और खिड़कियां भी नहीं थीं, जिस वजह से वहां जहरीली गैस इकट्ठ हो गई।” घटना का एक वीडियो भी सामने आया, जिसमें इमारत के भूतल में आग की लपटें दिखाई दे रही थीं। डॉक्टर रविशंकर अपने परिवार के साथ अस्पताल की ऊपरी मंजिल में रहते थे और बेसमेंट में अस्पताल और क्लिनिक था। यह इमारत 5 साल पुरानी थी।

ऐसा भी कहा जा रहा है कि कार्तिकेय अस्पताल के अंदर मौजूद फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और कार्डबोर्ड बॉक्स के कारण आग फैली होगी। इस घटना में डॉक्टर रविशंकर आग में झुलस कर मर गए। हालांकि, उनकी पत्नी अनंतलक्ष्मी और मां रामसुबम्मा बाल-बाल बच गईं।