राजधानी में हुई मूसलाधार बारिश ने दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) के बारिश से निपटने के पुख्ता इंतजामों की बखिया उधेड़ कर रख दी है। सड़कों पर जलजमाव से जूझ रहे सड़क यातायात और जाम की समस्या से निजात पाने के लिए यात्रियों ने बड़ी तादात में मेट्रो की ओर रुख किया लेकिन बारिश से सुरंगों में भरे पानी और ट्रेनों के पेंटोग्राफ पर टपकते पानी ने जहां गाडियों की आवाजाही को प्रभावित किया वहीं जगह-जगह स्टेशनों पर टपकते पानी और स्केलेटर व लिफ्ट के पिट में भरे पानी ने यात्रियों की मुश्किलें बढ़ाईं। हालात यह है कि नवनिर्मित स्टेशनों पर भी कई जगह पानी टपकता रहा जो निर्माण की गुणवत्ता की कलई खोलने के लिए पर्याप्त है। पानी निकासी के समुचित इंतजाम औवल तो हैं नहीं हैं तो आधे अधूरे।
दिल्ली में चल रहे मानसून सत्र के गहमागहमी के बीच दिल्ली मेट्रो रेल भी मानसूनी बारिश से प्रभावित रही। स्टेशन पर कंकोर्स लेवल पर पानी आने से यात्रियों के चलते चलते फिसलने की दिक्कत भी हुई। बुधवार को हुई बारिश में एयरपोर्ट लाइन के धौलाकुआं स्टेशन पर पानी टपकता रहा। पीली लाइन के चावाड़ी बाजार, कश्मीरी गेट, ग्रीन पार्क, सहित कई स्टेशनों पर जलजामाव की समस्या रही। इसी तरह नीली लाइन, मयूर विहार नोयडा, मुंडका लाइन, वायलेट लाइन के भी कई स्टेशनों या सुरंग में लागातार पानी टपकता रहा। वायलेट लाइन की नई बनी इमारतें या सुरंग भी पूरी तरह बारिश के हिसाब से खामी रहित नहीं हैं। इसके विस्तारित हिस्से में बने कश्मीरी गेट स्टेशन पर भी पानी टपकता है। इसके आखिरी छोर पर ट्रेन पहुंच कर एकदम से रुक गई और बत्ती गुल हो गई।

बाद में पता चला कि पानी की धार सीधे गाड़ी के पेटोंग्राफ के इंसुलेटर पर गिर रही थी जिससे शार्टसर्किट हो गया। विशेषज्ञों के मुताबिक चलती गाड़ी में तो बारिश का उतना असर नहीं होता लेकिन उस जगह जहां ट्रेन खड़ी होती है। वहां अगर तेज धार पानी सीधे गाड़ी के पेंटोंग्राफ या उससे जुडे इंसुलेटर पर गिरे तो शार्टसर्किट हो जाता है। लिहाजा गाडी का परिचालन थोड़ी देर के लिए ही सही प्रभावित हो जाता है। राजीव चौक मेट्रो स्टेशन के कई स्केलेटर भीड़ के समय भी ठप पड़े थे। वजह लिफ्ट के पिट में पानी भरना बताया गया। कहने को तो ऐसे पिट के लिए जगह-जगह पंप लगाए गए हैं ताकि उसमें भरने वाले पानी को पंप के जरिए निकाला जा सके।

लेकिन कहीं पर कॉमन पंप यानी चार छह पिट का पानी निकालने के लिए एक ही पंप लगाया हुआ है या कहीं पंप व पाइप तो लगे है लेकिन पाइप में कचरा फंसे होने की वजह से वह ढंग से काम नहीं कर रहे हैं। कुछ जगहों पर स्केलेटर के लिए बने बिजली के पैनल पर पानी पड़ जाने की वजह से लिफ्ट और स्केलटर काम नहीं कर सके। ऐस्ो में लिफ्ट या स्केलेटर नहीं चलने की वजह से यात्रियों को हांफते हुए सीढ़िया चढ़ना उतरना पड़ा। यात्री व छात्र मितुल ने कहा कि दिल्ली मेट्रो केवल मोटे किराए वसूलने में लगी है। यात्री खास कर बुजुर्ग या बच्चों वाली महिला यात्री कितनी मुश्किल से यात्रा करते हैं।