डीएमडीके प्रमुख विजयकांत को मंगलवार (5 अप्रैल) को पार्टी में बगावत का सामना करना पड़ा जब तीन विधायकों समेत पार्टी के 10 वरिष्ठ पदाधिकारियों ने राज्य में आगामी 16 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव में पीपुल्स वेलफेयर फ्रंट के साथ गठबंधन करने के पार्टी आला कमान के फैसले पर सवाल उठाया। बगावत का झंडा बुलंद करने के कुछ ही समय बाद बागियों को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया।

विजयकांत ने एक वक्तव्य में कहा, ‘‘चूंकि उन्होंने पार्टी अनुशासन का उल्लंघन किया है, कीचड़ उछाला है और पार्टी को बदनाम किया है इसलिए उन्हें पार्टी के पदों और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित किया जाता है।’’ यह कार्रवाई विधायक और पार्टी के प्रचार सचिव वी सी चंद्रकुमार ने दो अन्य विधायकों समेत पार्टी के अन्य पदाधिकारियों के साथ मिलकर विजयकांत से द्रमुक के साथ गठबंधन करने को कहने और पीपुल्स वेलफेयर फ्रंट (पीडब्ल्यूएफ) के साथ गठबंधन करने के उनके फैसले पर सवाल उठाने के कुछ ही घंटे बाद की गई।

बागियों को तत्काल बर्खास्त करके पार्टी सूत्रों ने बताया कि कैप्टन ने यह कठोर संदेश दिया है कि पार्टी की आधिकारिक लाइन को मानना पड़ेगा और असहमति के लिए कोई गुंजाइश नहीं हैं। विजयकांत को उनके समर्थक कैप्टन के नाम से पुकारते हैं। निष्कासित पदाधिकारियों में चंद्रकुमार पार्टी के सबसे प्रमुख चेहरे हैं। वह विधानसभा में डीएमडीके के सचेतक भी हैं। पीडब्ल्यूएफ के साथ गठबंधन के फैसले को 95 फीसदी पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की इच्छा के खिलाफ बताते हुए उन्होंने विजयकांत को सोमवार (4 अप्रैल) दोपहर तक अपना फैसला पलटने और द्रमुक के साथ गठबंधन करने का अल्टीमेटम दिया था।

पिछले महीने डीएमडीके-पीडब्ल्यूएफ के बीच जो चुनावी गठबंधन हुआ था उसके अनुसार विजयकांत को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया गया था और 234 सदस्यीय विधानसभा में उनकी पार्टी को 124 सीटें दी गई थीं जबकि पीडब्ल्यूएफ के लिए 110 सीटें छोड़ दी गई थीं। डीएमके ने विजयकांत को काफी लुभाने का प्रयास किया था लेकिन आश्चर्यजनक तरीके से उन्होंने एमडीएमके, माकपा, भाकपा और वीसीके के नेतृत्व वाले थॉल तिरुमावलन को मिलाकर गठित चार पार्टियों के पीडब्ल्यूएफ के साथ गठबंधन करने का फैसला किया।

निष्कासित किए गए अन्य विधायकों में सी एच शेखर और एस आर पार्तिबन हैं। जहां शेखर पार्टी की तिरुवल्लूर पूर्वी जिला के सचिव भी हैं वहीं पार्तिबन सलेम पश्चिम जिले के सचिव हैं। अन्य बर्खास्त पदाधिकारियों में पार्टी के उप सचिव पी मुरच्च्गेसन और उच्चस्तरीय समिति के सदस्य के आर वीरप्पन शामिल हैं। विजयकांत ने बर्खास्त किए गए पदाधिकारियों की जगह पर उन पदों के लिए नए पदाधिकारियों के नामों की भी घोषणा कर दी।