दीपावली का पर्व किसी एक धर्म तक सीमित नहीं है और अंधेरे पर रोशनी की जीत तो हर कोई मनाता है। इसका एक अनूठा उदाहरण वाराणसी में देखने को मिला जब मुस्लिम महिलाओं ने पूरी श्रद्धा के साथ प्रभु श्रीराम की आरती उतारी, उनके नाम के दीप प्रज्वलित किए। असल में वाराणसी के लमही में मुस्लिम महिला फाउंडेशन पिछले कई सालों से इसी तरह से दिवाली का त्योहार मना रहा है।
मुस्लिम महिलाओं की दिवाली
इस कार्यक्रम की जो तस्वीरें सामने आई हैं, जो वीडियो हुए हैं, उनमें मुस्लिम महिलाओं ने अपने हाथों पर खूबसूरत रंगोली भी लगा रखी हैं, उनकी तरफ से उर्दू में ही भगवान की राम की आरती की जा रही है। उन महिलाओं ने पूरी दुनिया को शांति का संदेश दिया है, राम के रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित किया है। इस समय क्योंकि रूस-यूक्रेन युद्ध जारी है, इजरायल और हमास में भी जंग छिड़ी है, ऐसे में इन मुस्लिम महिलाओं ने उन सभी देशों से भगवान राम के संदेश को समझने की अपील की है। उनका मानना है कि अगर राम का रास्ता समझ लिया गया तो युद्ध रुक जाएगा।
मुस्लिम महिलाओं का राम संदेश
मुस्लिम महिलाओं का यहां तक मानना है कि रामराज्य की जो परिकल्पना की गई है, वो सभी लोगों को भेदभाव से मुक्त करती है, सभी को गले लगाने की बात करती है। ऐसे में इजरायल और फिलिस्तीन जैसे देशों को भी उन्हीं के रास्ते पर चल देना चाहिए।
वैसे इस समय इन मुस्लिम महिलाओं की राम आरती भी चर्चा का विषय बन गई है। उनकी उस आरती ने साबित कर दिया है कि भगवान राम कोई एक धर्म तक सीमित नहीं हैं। उनकी आरती की पंक्तियां कुछ इस प्रकार थीं- तिलावत करते हैं, हर खास ओ आम रोजाना हम जिनका, लेते हैं नाम रहम करने वाले हैं, वो हैं करीम, अपने श्रीराम जय श्रीराम, जय श्रीराम।। मर्यादा पुरुषोत्तम हैं, हैं धर्म की जान हिंद की अवाम समझे, इनको ही हिंद की शान जय श्रीराम, जय श्रीराम।।
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