दिल्ली के लिए शालीमार बाग इलाके में आपदा प्रबंधन केंद्र (ईओसी) तैयार होगा। इसके लिए उपराज्यपाल ने पहले ही जमीन के लिए मंजूरी दे दी है। अब ऐसे ही एक अन्य केंद्र की तैयारियां शाहजहांनाबाद इलाके के लिए भी की जा रही है और इसके लिए दिल्ली सरकार की तरफ एक सुझाव भेजा गया है कि इस क्षेत्र में आपदा व आगजनी से निपटने का नया केंद्र तैयार किया जाए।

इससे आपदा की स्थिति में तत्काल मदद उपलब्ध कराई जा सकेगी। बीते माह तुर्की में आए भूकंप के बाद दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) भी दिल्ली की सुरक्षा के लिए सक्रिय हुआ है। सूत्रों ने बताया कि इस केंद्र के लिए मुख्य सचिव की तरफ से पहल की गई है और दिल्ली के केंद्र में ऐसा आपदा केंद्र बनाए जाने पर विचार किया जा रहा है।

यह केंद्र शाहजहांनाबाद इलाके के लिए सबसे अधिक मददगार होगा क्योंकि यहां के बाजारों में आम जनता की गतिविधियों के साथ ही व्यवसायिक गतिविधियों के बीच होने वाले आगजनी के हादसे सरकारी एजंसियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती साबित होते हैं। संभावना जताई जा रही है कि इस केंद्र के लिए विकास भवन-दो में जगह की तलाश की जा रहे है।

दिल्ली भूकंप के नजरिये से चौथी श्रेणी के तहत संवेदनशील क्षेत्र में आता है। इसके बाद भी शहर में तय भवन कानूनों के तहत निर्माण की गतिविधियां भी नहीं हैं, जो कि दिल्ली को अधिक संवेदनशील बना देती है। हाल ही में आपदा प्रबंधन की तैयारियों को लेकर उपराज्यपाल की अध्यक्षता में एक बैठक हुई थी और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी बैठक में शामिल थे।

जहां पर उपराज्यपाल द्वारा दिल्ली सरकार को सभी प्रकार की आपदाओं की स्थिति से निपटने के लिए तैयार होने के आदेश जारी किए गए थे। इस बैठक में ही इस हालात पर भी चिंता जाहिर की गई थी कि दिल्ली के मार्ग काफी छोटे हैं और इसकी प्रमुख वजह अतिक्रमण है। इस वजह से आपदा वाली जगह पर समय पर पहुंचना स्थानीय एजंसियों के लिए एक बड़ी चुनौती होता है।

दिल्ली के मुख्य सचिव ने देश के अन्य शहरों राज्य आपदा प्रबंधन बल (एसडीआरएफ) चिंता जाहिर की है। इस स्थिति से निपटने के लिए आपदा मित्र बनाने की सलाह दी है। इस योजना के तहत डीडीएमए 1800 आपदा मित्र तैयार करेगा। इन्हें आपदा की स्थिति से निपटने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा और एक सहायता के लिए एक विशेष उपकरण भी दिए जाएंगे।

इसके अतिरिक्त इन आपदा मित्रों का पांच लाख रुपए का बीमा होगा ताकि किसी भी विकट परिस्थिति में इन्हें तत्काल मदद उपलब्ध कराई जा सके। यह भी सामने आया है कि हाल ही में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की मदद से इन कर्मचारियों को विशेष सेटेलाइट फोन भी उपलब्ध कराए गए हैं ताकि नेटवर्क सिस्टम में खराबी होने की स्थिति में इनसे संपर्क बनाए रखा जा सके। पूर्व में हुए हादसों से सबक लेते हुए यह पहल की गई है।