10 पार्टी विधायकों के झटके से हाल ही में उबरी उत्तराखंड कांग्रेस में एक बार फिर मतभेद की खबर आ रही है। माना जा रहा है कि यह मतभेद उत्तराखंड के सीएम हरीश रावत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के बीच है। किशोर ने रावत को चिट्ठी लिखकर पूछा है कि उनकी ओर से भेजी गई 7980 चिट्ठियों पर क्या एक्शन लिया गया? बीते दो साल में इन चिट्ठियों में पब्लिक या पार्टी वर्करों की शिकायतें या आवेदन भेजे गए थे।
उपाध्याय ने इस ‘गोपनीय’ चिट्ठी में कहा कि बतौर पार्टी अध्यक्ष उन्होंने दो साल काम कर लिया है। इस दौरान उन्होंने सीएम को पार्टी वर्करों और जनता की ि शिकायतों से जुड़े 7980 चिट्ठियां लिखीं। उन्होंने यह भी कहा कि इस दौरान उन्होंने कोई जवाबी चिट्ठी नहीं मिली जिसमें बताया गया हो कि क्या एक्शन लिया गया। उपाध्याय ने यह भी कहा कि आने वाले 2017 चुनावों के मद्देनजर पार्टी वर्कर उनसे लोगों की शिकायतों से जुड़ी उन चिट्ठियों के बारे में पूछ रहे हैं, जो उन्होंने पार्टी हेडक्वॉर्टर के जरिए राज्य सरकार को भेजी थी। उपाध्याय के मुताबिक, वे लोगों के सवालों के जवाब नहीं दे पा रहे। इसलिए सीएम उन्हें की गई कार्रवाई की जानकारी दें ताकि वे कार्यकर्ताओं को समझा सकें। द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत करते हुए उपाध्याय ने माना कि उन्होंने इस तरह की चिट्ठी लिखी है, लेकिन उन्होंने संगठन और सीएम के बीच किसी तरह के मतभेद होने की बात से इनकार किया। उपाध्याय के मुताबिक, वे सीएम को दोष नहीं दे रहे, लेकिन कार्यकर्ताओं को यह संदेश जाना ही चाहिए कि सरकार उनके साथ हैं।
उपाध्याय भले ही यह दावा कर रहे हों कि सीएम और संगठन के बीच कोई दरार नहीं है, लेकिन पार्टी सूत्रों का कहना है कि रावत और उपाध्याय के बीच की खाई प्रदेश में अप्रैल महीने में राष्ट्रपति शासन लगने और बाद में रावत के सत्ता में लौटने के बाद चौड़ी होती गई थी। सूत्रों के मुताबिक, उपाध्याय इसलिए नाखुश थे क्योंकि वे राज्यसभा का टिकट चाह रहे थे, लेकिन पार्टी ने प्रदीप टमटा को राज्यसभा की सीट दे दी।