Joshimath land subsidence: भू-धंसाव के खतरे से जूझ रहे उत्तराखंड के जोशीमठ में शुक्रवार सुबह सीजन की पहली बर्फबारी हुई। बर्फबारी के चलते खतरे के तौर पर चिन्हित किए गए घरों को गिराने का काम शुक्रवार को रोक दिया गया है। मौसम विभाग ने 23 और 24 जनवरी को भी जोशीमठ, चमोली और पिथौरागढ़ में बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई है।

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का कहना है कि पिछले तीन दिन में यहां इमारतों में आईं हुई दरारों की चौढ़ाई में कोई वृद्धि नहीं हुई है। उत्तराखंड के राज्य आपदा प्रबंधन सचिव डॉ रंजीत सिन्हा ने प्रेस कांफ्रेस कर पीड़ितों- विस्थापितों के लिए किए गए इंतेजाम की जानकारी भी साझा की है।

पीड़ितों- विस्थापितों के लिए सरकार ने किए ये इंतजाम

राज्य आपदा प्रबंधन सचिव डॉ रंजीत सिन्हा ने प्रेस कांफ्रेस कर जानकारी साझा की है कि अब तक विस्थापित परिवारों की संख्या 269 है। इनमें से लगभग 30 परिवार या तो किराए पर रह रहे हैं या अपने रिश्तेदारों के यहां रह रहे हैं। इन विस्थापित परिवारों के सदस्यों की कुल संख्या 900 है।

डॉ रंजीत सिन्हा ने प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि जोशीमठ में 218 प्रभावित परिवारों को राहत देते हुए 3.27 करोड़ रुपये से अधिक की राशि वितरित की गई है। प्रभावित 08 काश्तकारों को 50 हजार रुपये प्रति परिवार की दर से तत्काल सहायता के रूप में 4 लाख रुपये की राशि बांटी गयी है।

कई अन्य परिवारों को बसाने में जुटी है सरकार

राज्य आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने जानकारी दी है कि उत्तराखंड सरकार जोशीमठ शहर के 120 से अधिक परिवारों का चमोली जिले में जोशीमठ से लगभग 36 किलोमीटर दूर पीपलकोटी में बसाने की योजना बना रही है। प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए चमोली जिला प्रशासन द्वारा चिन्हित किए गए चार जगहों में से एक पीपलकोटी भी शामिल है।

इसके अलावा अन्य जगह जोशीमठ के आस-पास के गांव ढाक और गौंक सेलंग हैं, और प्रभावित क्षेत्रों से दूर जोशीमठ में एक बागवानी भूमि है। रंजीत कुमार सिन्हा के मुताबिक सीजन की पहली बर्फबारी के रहते  होटल और चिन्हित किए गए घरों को गिराने का काम रोक दिया गया है।