दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव के लिए बुधवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और भारतीय राष्ट्रीय छात्र कांग्रेस (एनएसयूआइ) दोनों ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी। इसके साथ ही डूसू की लड़ाई में यह तय हो गया है कि डूसू इस साल भी अपने परंपरागत चरित्र मसलन ‘जाट-गुर्जर’ समीकरण को नहीं बदल सका है। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के इस चुनाव में एबीवीपी ने अध्यक्ष पद पर तुगलकाबाद गांव के गुर्जर समुदाय के रजत चौधरी को मैदान में उतारा है, तो एनएसयूआइ ने जाट समुदाय के रॉकी तुसीद को अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बनाया है।
समग्र रूप में देखें तो परिषद ने चार में से तीन उम्मीदवार, एनएसयूआइ ने दो उम्मीदवारों ‘जाट-गुर्जर’ समीकरण को ध्यान में रखकर खड़े किए हैं। एबीवीपी ने अध्यक्ष पद पर गुर्जर, उपाध्यक्ष पद पर जाट, सचिव पद पर गुर्जर, और सह सचिव पद पर ओबीसी श्रेणी से उम्मीदवार उतारे हैं। वहीं एनएसयूआइ की ओर से अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद पर जाट उम्मीदवार, सचिव पद पर अनुसूचित जाति व सहसचिव पद पर ओबीसी श्रेणी से उम्मीदवार उतारे हैं। यहां बता दें कि बाहरी छात्रों की बहुलता वाले दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र संघ चुनाव में दोनों में से किसी संगठन ने दिल्ली से बाहर के छात्रों को टिकट नहीं दिया है।
बहरहाल डूसू कैंपस चुनावी रंग में रंग चुका है। एबीवीपी के अध्यक्ष पद के दावेदार रजत चौधरी का जहां दक्षिण दिल्ली के कॉलेजों मसलन देशबंधु, पीजीडीएवी, एएनडीसी, कॉलेजों के अलावा मोतीलाल नेहरू कॉलेज में मजबूत पकड़ है वहीं एनएसयूआइ के अध्यक्ष पद के दावेदार रॉकी तुसीद का पश्चिमी दिल्ली के कॉलेजों में अच्छी स्थिति में है। रॉकी करीब पांच सालों से एनएसयूआइ में सक्रिय हैं।
