दिल्ली-एनसीआर में ही नहीं देशभर में तमाम जगहों पर गर्मी बढ़ने लगी है और लोग इससे बचने के लिए नए-नए तरीके भी खोज रहे हैं। जैसे- पहाड़ों पर चले जाना, जूस-ठंडा पानी पीना वगैरह-वगैरह। लेकिन इस बीच दिल्ली यूनिवर्सिटी के लक्ष्मीबाई कॉलेज की प्रिंसिपल प्रत्यूष वत्सला का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। वीडियो में वह कॉलेज के क्लासरूम की दीवारों पर गाय का गोबर लगाते हुए दिख रही हैं। प्रिंसिपल का कहना है कि गर्मी से बचने का यह देसी तरीका है।
प्रिंसिपल ने खुद ही इसका वीडियो कॉलेज के टीचर्स वाले व्हाट्सएप ग्रुप में शेयर किया।
प्रिंसिपल प्रत्यूष वत्सला ने इस वीडियो के बारे में व्हाट्सएप ग्रुप पर लिखा है, “सी ब्लॉक में गर्मी की शिकायत दूर करने के लिए देसी तरीके अपनाए जा रहे हैं। जल्द ही ये कमरे नए रूप में मिलेंगे। टीचिंग के अनुभव को और ज्यादा आरामदायक बनाने की कोशिश की जा रही है।”
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क्या है वायरल वीडियो में?
वायरल वीडियो में दिखाई दे रहा है कि प्रिंसिपल कुर्सी पर खड़ी हैं और कॉलेज के सी ब्लॉक के एक क्लासरूम की दीवारों पर गोबर लगा रही हैं। मदद करने के लिए उनके साथ कॉलेज के स्टाफ के भी लोग हैं।
The Indian Express के साथ बातचीत में प्रिंसिपल वत्सला ने कहा कि यह ‘Study of Heat Stress Control by Using Traditional Indian Knowledge’” नाम के रिसर्च प्रस्ताव का हिस्सा है।
हालांकि गांवों में ऐसा होता है कि गाय के गोबर का इस्तेमाल मिट्टी से बने घरों में गर्मी से राहत पाने के लिए किया जाता है लेकिन शहरी इलाकों में और वह भी यूनिवर्सिटी में ऐसा देखा नहीं गया है।
इसे लेकर लक्ष्मीबाई कॉलेज की एक स्टूडेंट ने कहा कि क्लास में पंखे भी लगे हुए हैं लेकिन प्रिंसिपल ने गर्मी से बचने के लिए कुछ पुराने समाधान बताए हैं और यह हैरान करने वाले हैं। कॉलेज के छात्र संघ के पदाधिकारी रहे एक छात्र ने कहा कि गाय का गोबर लगाए जाने के बाद क्लास कैसे चलेगी, यह एक सवाल है।
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‘बुनियादी सुविधाओं पर ध्यान देना जरूरी’
कुछ लोगों ने इसकी आलोचना भी की है। एकेडमिक काउंसिल की सदस्य और एसोसिएट प्रोफेसर नीलम ने The Indian Express से कहा, “बुनियादी सुविधाओं पर ध्यान देने की जरूरत है। काउंसिल की बैठक में प्रस्ताव पास किए बिना कक्षाओं में बदलाव कैसे किया जा सकता है।”
उन्होंने कहा कि छात्रों और टीचर्स के लिए बने वॉशरूम गंदे हैं, खिड़कियों के शीशे टूटे हुए हैं और मच्छरों की भरमार है।
इंडियन नेशनल टीचर्स कांग्रेस के अध्यक्ष प्रोफेसर पंकज गर्ग ने कहा कि इस तरह की एप्रोच हमें आगे ले जाने की बजाय पीछे ले जा रही हैं। बुनियादी ढांचे पर ध्यान देने के बजाय हम उन चीजों को कर रहे हैं जो पाषाण काल की हैं।
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