Farmer Protest At Jantar Mantar: राष्ट्रीय राजधानी के जंतर मंतर पर किसानों के विरोध के आह्वान से पहले दिल्ली पुलिस ने दिल्ली-हरियाणा टिकरी सीमा पर बैरिकेड्स लगा दिए हैं। साथ ही सुरक्षा कड़ी कर दी है। किसान सोमवार (22 अगस्त, 2022) को दिल्ली में अपना विरोध प्रदर्शन करने वाले हैं, जिसके लिए उन्होंने अब राजधानी में पहुंचना शुरू कर दिया है।
इससे पहले संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने अपनी लंबित मांगों के लिए दबाव बनाने के लिए गुरुवार (18 अगस्त) से उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में 75 घंटे के धरने की शुरुआत करने की घोषणा की थी। किसानों की मांगों से सबसे प्रमुख मांग केंद्रीय राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी की गिरफ्तारी थी।
वहीं धरना प्रदर्शन स्थल पर पानी और शौचालय की व्यवस्था को लेकर किसान नेता राकेश टिकैत ने उत्तर प्रदेश सरकार और प्रशासन को धमकी देते हुए कहा था कि अपने दिमाग ठीक कर ले प्रशासन और यहां की सरकार नहीं तो जिला मुख्यालयों पर भी हम पहुंच जाएंगे। टिकैत ने कहा था कि लोग बाहर से आ रहे हैं। धरना प्रदर्शन के लिए तो यहां पानी और शौचालय की व्यवस्था तो होनी ही चाहिए थी। टिकैत ने कहा वो 120बी के मुलजिम हैं कोई भी मुलजिम देश का गृहराज्य मंत्री नहीं रह सकता।
किसानों के तीन दिन के इस महाधरने में किसान प्रदर्शनकारी किसानों पर दर्ज मुकदमों को वापस लेने और तिकुनिया समझौते के तहत घायल हुए किसानों को 10 लाख का मुआवजा की मांग कर रहे हैं। राकेश टिकैत से जब पूछा गया कि क्या ये प्रदर्शन 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रख कर किया जा रहा है? तो उन्होंने कहा, ‘ये लोग चुनाव में बेइमानी से जीतेंगे, जनता तो इन्हें वोट देने वाली नहीं ये बंदूक के दम पर चुनाव जीतेंगे। हारे हुए कैंडिडेट को जीत का सर्टिफिकेट देंगे ये।’
एसकेएम एक किसान संगठन है, जिसमें लगभग 40 कृषि संगठन शामिल हैं, जो मुख्य रूप से फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के उचित कार्यान्वयन की मांग कर रहे हैं।
इससे पहले 31 जुलाई को पंजाब के किसानों ने अमृतसर, बठिंडा के वल्लाह में रेलवे ट्रैक को अवरुद्ध कर दिया था और अपनी मांगों को पूरा नहीं करने के लिए केंद्र सरकार के खिलाफ अंबाला, पंचकूला के बरवाला और कैथल के चीका में शंभू टोल प्लाजा पर विरोध प्रदर्शन किया था।