दिल्ली से कालिंदी कुंज के रास्ते यमुना का पुल पार करते ही पक्षियों का कलरव लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने लगा है। लेकिन इस मर्तबा पक्षियों की चह-चहाहट कम है। वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, इस बार तापमान में गिरावट देरी से आई है, इस वजह से फिलहाल प्रवासी पक्षियों की संख्या कम है। आने वाले दिनों में इनमें कितना इजाफा होगा, यह तापमान के गिरावट पर भी निर्भर करेगा।

कुछ दिनों से तापमान में गिरावट के साथ यमुना से सटा नोएडा का ओखला पक्षी विहार पक्षी प्रेमियों के आकर्षण का केंद्र बन गया है। यहां प्रवासी पक्षियों की करीब एक दर्जन ज्यादा प्रजातियों के पक्षियों ने अपना आशियाना बनाना शुरू कर दिया है। फिलहाल यहां करीब सात हजार पक्षियों की संख्या आंकी जा रही है, जिसके जनवरी की शुरुआत तक दो गुना से अधिक पहुंचने की उम्मीद है।

पिछले साल 18-20 हजार पक्षी आए थे

प्रभागीय वन विभाग के रेंजर अमित गुप्ता ने जनसत्ता को बताया कि गत वर्ष यहां पक्षियों की करीब 18-20 हजार तक की गणना की गई थी। हालांकि यह गणना पक्षी विशेषज्ञों से नहीं कराई गई थी। इस बार गणना पक्षी विशेषज्ञों से कराने की योजना है, ताकि वास्तविक संख्या का मालूम की जा सके। सर्दियों में पक्षी विहार खुलने का समय सुबह साढ़े सात और बंद होने का समय शाम पांच बजे तक कर दिया गया है।

उन्होंने बताया कि लोगों की सुविधा के लिए यहां छह ई कार्ट उपलब्ध हैं, जिन्हें किराए पर लिया जा सकता है। फिलहाल लोगों की संख्या कम रहने की वजह से तीन ई कार्ट चलाए जा रहे हैं। 25 दिसंबर के बाद से सभी छह ई कार्ट चलने शुरू हो जाएंगे।

कहां – कहां से आते हैं पक्षी?

इस पक्षी विहार में हर साल यूरोप, साइबेरिया, कनाडा समेत मध्य एशिया के ठंडे इलाकों से हजारों की संख्या में पक्षी पहुंचते हैं। जिनमें कामनटील, ग्रेलेज गूज, नार्दन शेवलर, कामन कूट और ब्लैक हेडेड आइबिस आदि प्रमुख हैं। इसके अलावा देशी पक्षी जैसे पेलिकन, सारस, बगुले, बत्तख, किंगफिशर और काली गर्दन वाला सारस आदि भी बड़ी संख्या में यहां पहुंचे हैं।

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